सिंहस्थ की बैठक में न बुलाने पर साधु-संत नाराज, अखाड़ा परिषद ने किया बहिष्कार का ऐलान

उज्जैन में 2028 में होने वाले सिंहस्थ को लेकर संत समाज में आक्रोश है। नाराज साधु-संतों ने सिंहस्थ के आयोजन को लेकर होने वाली बैठकों के बहिष्कार की धमकी दी है।

Updated: Feb 06, 2025, 09:56 AM IST

उज्जैन। मध्य प्रदेश के उज्जैन में  3 साल बाद सिंहस्थ कुंभ 2028 का आयोजन होना है। इसकी तैयारियां जोरों पर है। अपर मुख्य सचिव डॉ.राजेश राजौरा की अध्यक्षता में उज्जैन संभाग की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। इसमें संभाग के जनप्रतिनिधि और आला अधिकारी शामिल हुए। वहीं, इन बैठकों में उज्जैन के संत समाज को आमंत्रित नहीं किया गया। इसे लेकर अब संतों में रोष है।

संतों की उपेक्षा से नाराज अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रामेश्वर दास महाराज ने कड़ी नाराजगी जताई है। उन्होंने आगे से ऐसी बैठकों के बहिष्कार की चेतावनी दी है। उज्जैन अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रामेश्वर दास महाराज ने कहा, 'सिंहस्थ कुंभ संतों का पर्व है, लेकिन प्रशासन ने उनकी राय लेना भी उचित नहीं समझा। उज्जैन में 2 दिनों से चल रही बैठक में नहीं बुलाया गया। प्रशासन संतों से चर्चा किए बिना सिंहस्थ की तैयारियां कैसे कर सकता है?'

रामेश्वर दास महाराज ने आगे कहा कि अभी तक शासन द्वारा की गई किसी भी बैठक में संत समाज और उनके पदाधिकारियों को नहीं बुलाया गया। जब हम सीएम के पास गए थे, उन्होंने कहा था की जब भी सिंहस्थ को लेकर बैठक होगी तो आपको आमंत्रित किया जाएगा। लेकिन आज तक किसी भी महंत को आमंत्रित नहीं किया, ना हमसे कोई राय ली गई। साधु-संतो को क्या-क्या आवश्यकता है, इसकी जानकारी उनसे पूछकर लेनी चाहिए। क्या अधिकारी घर बैठकर सिंहस्थ कर लेंगे? हमसे कोई राय नहीं लेते हैं ना हमें बुलाते हैं। ये साधु समाज की उपेक्षा है। इसलिए साधु समाज में रोष है और हमने फैसला किया है की हम अब इनका बहिष्कार करेंगे।

बता दें कि सिंहस्थ कुम्भ की तैयारियों के लिए प्रशासन के पास तीन साल का समय है। ऐसे में अधिकारी अब कुम्भ को लेकर चल रहे कार्यों की लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं। समीक्षा बैठक में उज्जैन संभाग के विधायक और जनप्रतिनिधियों को तो बुलाया गया लेकिन संत समाज को आमंत्रित नहीं किया गया। इस पर नाराजगी जताते हुए स्थानीय अखाड़ा परिषद ने बैठकों के बहिष्कार का ऐलान किया है।