बैतूल में मिली नकली यूरिया बनाने वाली फैक्ट्री, ब्रांडेड कंपनियों के स्टीकर लगाकर होती थी बिक्री
पुलिस ने कहा कि 30 रुपए का माल तैयार करके आरोपी बाजार में नकली यूरिया 1300 रुपए में बेचते थे। फैक्ट्री से 1830 लीटर नकली यूरिया जब्त किया गया है।

बैतूल। मध्य प्रदेश के बैतूल जिले के मुलताई में पुलिस ने नकली लिक्विड यूरिया बनाने की फैक्ट्री पर छापा मारा। यहां ब्रांडेड कंपनियों की असली बाल्टी में नकली लिक्विड यूरिया भरकर कई गुना कीमत पर बेचा जा रहा था। जांच में पता चला है कि एक बाल्टी में 15 लीटर नकली यूरिया बनाने में करीब 30 रुपए लागत आती थी। इसे बाजार में 1300 रुपए में बेचा जाता था।
इसका खुलासा तब हुआ जब पुलिस ने सोमवार शाम 7 बजे छापा मारा। यहां से पुलिस ने यहां से आरओ मशीन, मिक्सर मशीन, 2 हजार लीटर लिक्विड यूरिया, 200 से अधिक कंपनियों की बाल्टियां और खाद की आठ बोरियां जब्त की हैं। पुलिस ने फैक्ट्री भी सील कर दिया है। फैक्ट्री के संचालक एजाज खान को भी गिरफ्तार किया है।
आरोपी खान ने नकली लिक्विड यूरिया बनाने की टेक्निक दिल्ली में जाकर सीखी थी। उसके बाद मुलताई आकर उसने फैक्ट्री खोली थी। उसने बताया कि नकली लिक्विड यूरिया बनाने की तकनीक सीखने के बाद वह नकली लिक्विड यूरिया बनाकर बड़ी-बड़ी कंपनियां की डुप्लीकेट पैकिंग कर इसे मार्केट में बेचता था। एक दिन में लगभग 1 हजार लीटर यूरिया की खपत हो रही थी। एक बोरी यूरिया से लगभग 1 हजार लीटर लिक्विड बन जाता है।
नकली लिक्विड यूरिया फैक्ट्री का संचालक एजाज खान टाटा, आयसर सहित अन्य बड़ी-बड़ी कंपनियां की नकली पैकिंग कर यूरिया बेच रहा था। जो कि ₹1300 में 15 लीटर की बॉल्टी भरकर यूरिया बेचा जा रहा था, जबकि 15 लीटर यूरिया बनने में मात्र 25 से 30 रुपए का खर्च आ रहा था। यह अवैध धंधा लंबे समय से चल रहा था।
बता दें कि लिक्विड यूरिया का इस्तेमाल डीज़ल इंजन वाले वाहनों में होता है। यूरिया, डीज़ल इंजन में मौजूद नाइट्रोजन ऑक्साइड (NOx) को कम करने का काम करता है। थाना प्रभारी राजेश सतनकर ने बताया की फैक्ट्री के संचालक एजाज खान को हिरासत में लिया गया है। वहीं फैक्ट्री का सामान भी पुलिस ने जब्त कर लिया है। यह बात सामने आई है की फैक्ट्री में जिन मशीनों के माध्यम से यूरिया बनने का काम किया जा रहा था, उसे पुलिस द्वारा जब्त कर लिया गया है।