इंदौर: छात्रों ने परीक्षा टालने के लिए रच दिया प्राचार्या की मौत का ड्रामा, वायरल किया फर्जी लेटरहेड

इंदौर के होलकर साइंस कॉलेज के दो बीसीए छात्रों ने परीक्षा रुकवाने के लिए प्राचार्या की मौत का फर्जी पत्र तैयार कर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। मामला उजागर होने पर दोनों के खिलाफ नकली दस्तावेज बनाने का केस दर्ज किया गया।

Updated: Oct 16, 2025, 05:44 PM IST

इंदौर। बच्चों के मन में परिक्षा को लेकर खौफ तो अकसर देखने को मिलता है। लेकिन मध्यप्रदेश के दो छात्रों में परिक्षा का डर इतना समा गया था कि उन्होंने अपनी प्राचार्य को “स्वर्गवासी” बना डाला। ये मामला प्रदेश के सबसे प्रतिष्ठित कॉलेजों में से एक इंदौर स्थित शासकीय होलकर विज्ञान महाविद्यालय की है। यहां के दो छात्रों ने कॉलेज की प्राचार्य डॉ. अनामिका जैन की मौत का फर्जी पत्र तैयार कर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। यह फर्जी पत्र इतनी तेजी से फैला कि कई लोग प्राचार्य के घर शोक जताने तक पहुंच गए। बाद में जब मामला खुला, तो भंवरकुआं थाना पुलिस ने दोनों छात्रों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 336(4) के तहत केस दर्ज किया गया है। अभी तक पुलिस या कॉलेज प्रशासन ने दोनों छात्रों के नाम सार्वजनिक नहीं किए हैं।

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पुलिस के मुताबिक, दोनों आरोपी बीसीए तीसरे सेमेस्टर के छात्र हैं। परीक्षा रुकवाने की साजिश के तहत उन्होंने कॉलेज के असली लेटरहेड की हूबहू नकल की और उसपर एक आवश्यक सूचना जारी की। इसमें उन्होंने लिखा कि प्राचार्य डॉ. अनामिका जैन की आकस्मिक निधन के चलते 15 और 16 अक्टूबर को होने वाली ऑनलाइन परीक्षाएं स्थगित कर दी गई हैं। फिर क्या था, खबर आग की तरह सोशल मीडिया पर फैल गई। जैसे जैसे लोगों तक ये खबर पहुंची, लोग प्रचार्या के घर शोक मनाने पहुंचने लगे।

प्राचार्य डॉ. अनामिका जैन ने बताया कि जब यह झूठी खबर वायरल हुई तो कई लोग उन्हें मृत मानकर शोक जताने उनके घर पहुंच गए। उन्होंने कहा,“मेरे परिवार के सदस्य और मैं बेहद तनाव में आ गए। इस तरह का फर्जी पत्र बनाकर छात्रों ने न सिर्फ मेरी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाई, बल्कि संस्थान की साख को भी नुकसान पहुंचाया है”। प्राचार्य ने तत्काल पुलिस से शिकायत की जिसके बाद जांच शुरू हुई।

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जांच के दौरान पुलिस ने पता लगाया कि फर्जी पत्र कॉलेज के आधिकारिक लेटरहेड की नकल करते हुए तैयार किया गया था। भंवरकुआं थाना प्रभारी राजकुमार यादव ने बताया कि दोनों आरोपी छात्रों ने ऑनलाइन परीक्षा रुकवाने और कक्षाएं स्थगित कराने की साजिश के तहत यह फर्जी पत्र बनाया था। दोनों छात्रों ने माना कि उन्होंने मिलकर लेटर तैयार किया और सोशल मीडिया पर शेयर किया ताकि परीक्षा टल जाए।

प्राचार्य डॉ. जैन की शिकायत पर पुलिस ने बुधवार रात दोनों छात्रों के खिलाफ धारा 336(4) के तहत नकली दस्तावेज बनाकर प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने का केस दर्ज किया। पुलिस का कहना है कि छात्रों की इस हरकत ने शिक्षण संस्थान की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। जांच में यह भी सामने आया कि ये दोनों छात्र लंबे समय से कॉलेज प्रबंधन के खिलाफ माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर रहे थे।

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