दतिया में टीकाकरण के बाद मासूम की मौत, तीन बच्चों की हालत गंभीऱ बीमार, कलेक्टर ने दिए जांच के आदेश
दतिया जिले के ककरऊआ गांव में नियमित टीकाकरण के बाद एक मासूम बच्चे की मौत हो गई। जबकि, तीन अन्य बच्चों की तबीयत बिगड़ गई। ग्रामीणों ने कलेक्टर से शिकायत की। जिसके बाद जांच के आदेश जारी किए गए।
दतिया। मध्य प्रदेश के दतिया जिले के दुरसड़ा थाना क्षेत्र अंतर्गत ककरऊआ गांव में नियमित टीकाकरण के बाद हुई एक दर्दनाक घटना ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया है। शुक्रवार शाम आशा कार्यकर्ता द्वारा चार बच्चों को वैक्सीन लगाए जाने के कुछ ही समय बाद एक मासूम की हालत अचानक बिगड़ गई और उसकी मौत हो गई। वहीं, तीन अन्य बच्चों की तबीयत भी खराब हो गई जिन्हें तत्काल जिला अस्पताल दतिया में भर्ती कराया गया है जहां उनका इलाज जारी है।
जानकारी के मुताबिक, गांव में आंगनवाड़ी और स्वास्थ्य अमले की मौजूदगी में नियमित टीकाकरण कार्यक्रम चलाया जा रहा था। परिजनों का आरोप है कि बच्चों को घर बुलाकर टीके लगाए गए और प्रत्येक बच्चे को तीन-तीन इंजेक्शन दिए गए थे। टीकाकरण के कुछ समय बाद ही बच्चों में बेचैनी, कमजोरी और तबीयत बिगड़ने जैसे लक्षण सामने आने लगे। जिसके बाद इनमें से एक बच्चे की मौत हो गई। वहीं, तीन बच्चों का इलाज अब भी जारी है।
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घटना की खबर फैलते ही गांव में हड़कंप मच गया और परिजनों में भारी आक्रोश देखने को मिला। शनिवार सुबह बड़ी संख्या में ग्रामीण शिकायत लेकर दतिया कलेक्टर बंगले पहुंचे और स्वास्थ्य विभाग पर गंभीर लापरवाही के आरोप लगाए। प्रदर्शन कर रहे लोगों ने मामले की निष्पक्ष जांच और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। मृत बच्चे के परिवार का दुख और गहरा है क्योंकि परिजनों के अनुसार मां नेहा के पहले बेटे की भी मौत हो चुकी है, एक बेटी करीब तीन साल की है और अब तीसरे बच्चे की मौत ने पूरे परिवार को तोड़ कर रख दिया है।
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मामले की गंभीरता को देखते हुए दतिया कलेक्टर स्वप्निल वानखेड़े ने तत्काल जांच के आदेश दिए हैं। कलेक्टर ने स्पष्ट किया है कि पूरे प्रकरण की बारीकी से जांच कराई जाएगी और यदि किसी भी स्तर पर लापरवाही पाई जाती है तो दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। स्वास्थ्य विभाग से विस्तृत रिपोर्ट तलब की गई है।
दूसरी ओर मृत बच्चे के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। प्रशासन का कहना है कि पीएम रिपोर्ट आने के बाद ही बच्चे की मौत का वास्तविक कारण स्पष्ट हो सकेगा। वहीं, जिला अस्पताल में भर्ती बच्चों की हालत फिलहाल स्थिर बताई जा रही है और डॉक्टरों की टीम लगातार उनकी निगरानी कर रही है। एसडीएम संतोष तिवारी ने बताया कि पूरे मामले की जांच जारी है।
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