इंदौर कृषि महाविद्यालय की जमीन का नहीं होगा अधिग्रहण, विरोध के बाद बैकफुट पर सरकार

55 दिन से धरने पर बैठे थे कृषि कॉलेज के सैंकड़ों छात्र, ABVP प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के बाद सीएम शिवराज ने अधिग्रहण न करने के दिए निर्देश

Updated: Sep 12, 2022, 06:42 AM IST

इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर स्थित कृषि महाविद्यालय की जमीन का अधिग्रहण नहीं किया जाएगा। छात्रों के विरोध के बाद अब राज्य सरकार बैकफुट पर आ गई है। सीएम शिवराज ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि जमीन का उपयोग यथावत रखा जाए। ABVP प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के बाद सीएम चौहान ने ये निर्देश दिए हैं। बता दें कि कृषि महाविद्यालय के सैंकड़ों छात्र-छात्राएं पिछले 55 दिनों से धरने पर बैठे थे।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अधिग्रहण रोकने संबंधी जानकारी देते हुए ट्वीट किया, 'आज इंदौर में एबीवीपी के प्रतिनिधि मंडल ने अपने ज्ञापन में आग्रह किया कि इंदौर के कृषि महाविद्यालय की जमीन का उपयोग यथावत रखा जाये। अन्य कोई प्रयोजन के लिए न दिया जाये। मैंने उनके आग्रह को स्वीकार कर तत्काल निर्देश दिया है कि कृषि महाविद्यालय की जमीन को यथावत रखा जाये।'

बता दें कि करीब एक सदी पुराने कृषि अनुसंधान की बेशकीमती जमीन को हथियाने की एक बार फिर से कवायद शुरू हो गई थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक राज्य सरकार इस हजारों करोड़ रुपए की जमीन कॉरपोरेट को देकर यहां बहुमंजिला इमारत और सिटी फॉरेस्ट बनाना चाहती थी। शासन के निर्देश पर जिला प्रशासन ने जमीन का अवलोकन कर महाविद्यालय प्रशासन से सारी जानकारी भी मांगी थी।

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सरकार और प्रशासन के इस कदम का कृषि महाविद्यालय के वर्तमान और पूर्व छात्र पुरजोर तरीके से विरोध करना शुरू कर दिया। छात्रों का कहना था कि महाविद्यालय में 20-25 साल से कुछ अनुसंधान परियोजनाएं चल रही हैं। यदि जमीन छीन ली गई तो भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद और अन्य अंतरराष्ट्रीय सहयोग से चल रही अनुसंधान परियोजनाएं ठप हो जाएंगी। हम एक इंच जमीन भी किसी को हथियाने नहीं देंगे। छात्र 55 दिन तक धरने पर बैठे रहे। आखिर में सरकार को पीछे हटना पड़ा।