SC-ST एक्ट का दुरुपयोग, झूठे मामलों में बेगुनाहों को फंसाया जा रहा है: जस्टिस विवेक अग्रवाल
हाईकोर्ट के जस्टिस विवेक अग्रवाल ने कहा कि हम यह भी जानते हैं कि अब कोर्ट में दलालों का नेटवर्क सक्रिय हो गया है, जो ST-SC से संबंधित झूठे मामलों को लगवाकर और मुआवजा दिलवाने के नाम पर बेगुनाहों को फंसाते हैं।

जबलपुर। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के जस्टिस विवेक अग्रवाल जबलपुर पुलिस कंट्रोल रूम में पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों की कार्यशाला में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने SC-ST एक्ट के दुरुपयोग को लेकर चिंता व्यक्त की। अग्रवाल ने कहा कि एक दलालों का नेटवर्क सक्रिय है जो ST-SC से संबंधित झूठे मामलों को लगवाकर और मुआवजा दिलवाने के नाम पर बेगुनाहों को फंसाते हैं।
जस्टिस अग्रवाल ने अपने संबोधन में कहा, 'समाज, प्रशासन, पुलिस, यहां तक कि न्यायपालिका पर भी दबाव बनाने की कोशिश की जाती है, लेकिन यह उस अधिकारी के विवेक पर निर्भर करता है कि वह उस दबाव का सामना कैसे करता है। समाज में विसंगतियां भी हैं और अच्छाई भी, यह जरूरी है कि हम इन विसंगतियों को छानकर सही चीज़ को सामने लाएं।'
उन्होंने अभियोजन और पुलिस अधिकारियों से अपील की कि जब भी कोई अपराध होता है, तो उस मामले की गहराई से जांच करे कि मामला सत्य है या झूठा। जस्टिस अग्रवाल ने कहा कि हम यह भी जानते हैं कि अब कोर्ट में दलालों का नेटवर्क सक्रिय हो गया है, जो एसटी-एससी से संबंधित झूठे मामलों को लगवाकर और मुआवजा दिलवाने के नाम पर बेगुनाहों को फंसाते हैं, फिर अपना प्रतिशत लेते हैं।
उन्होंने कहा कि इस मामले में प्रशासन, पुलिस और न्यायपालिका तीनों के स्तर पर कहीं न कहीं कुछ कमी है। लेकिन आप सभी समझदार हैं, इसलिए इस दिशा में अच्छे प्रयासों की आवश्यकता है, ताकि विसंगतियों को बाहर निकाला जा सके। अगर हमारा अभियोजन सच्चा है, जांच ईमानदारी से की गई है और केस सच्चा है, तो उसका परिणाम भी अच्छा होगा। उन्होंने यह भी कहा कि इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि दलालों के कारण हमारी विश्वसनीयता खराब न हो।