योग्य होने के बाद भी नहीं मिला पीएम किसान योजना का लाभ, खुद को जिंदा साबित करने दफ्तरों के चक्कर काट रहा किसान
किसान कन्हैयालाल वंशकार चाहते हैं कि उन्हें सरकारी रिकॉर्ड में जिंदा कर दिया जाए ताकि उन्हें किसान सम्मान निधि का लाभ मिल सके। सरकारी रिकॉर्ड में उन्हें मृत घोषित कर दिया गया था।

बैरसिया। मध्य प्रदेश के भोपाल से एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। यहां एक ज़ीवित गरीब दलित किसान को कागज़ों में मार दिया गया है। सरकारी कर्मचारियों की लापरवाही से एक दलित किसान कन्हैयालाल वंशकार खुद को जिंदा साबित करने के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं।
बैरसिया तहसील के गांव नायसमंद निवासी किसान कन्हैयालाल वंशकार ने 2020 में पीएम किसान सम्मान निधि के लिए आवेदन किया था। योजना के लिए पात्र होने के बावजूद उनको इस योजना का लाभ नहीं मिल रहा था। पिछले काफी समय से वे तहसील और पटवारी ऑफिस के चककर लगा रहे थे। लेकिन हर बार उनको कुछ न कुछ वजह बताकर लौटा दिया जाता था।
पीएम किसान सम्मान निधि के नाम पर कन्हैयालाल को पटवारी सहित तहसील के अधिकारी और कर्मचारी लगातार गुमराह कर रहे थे। काफी समय बीतने के बाद भी समस्या का हल नहीं हुआ तो किसान ने बेटे से योजना का ऑनलाइन स्टेटस चेक कराया। ऑनलाइन स्टेटस चेक करने पर जो जानकारी सामने आई, उसको जानकर किसान और उसके परिवार वालों के होश उड़ गए।
दरअसल, किसान कन्हैयाला के बेटे ने जब ऑनलाइन स्टेटस चेक किया तो पता चला कि तहसील के दस्तावेजों में उसके पिता की मृत्यु हो चुकी है और इसी वजह से उन्हें सम्मान निधि नहीं मिल पा रही है।
सरकारी रिकॉर्ड में उसकी मौत हो जाने के कारण उसका प्रकरण इनएक्टिव कर दिया गया था। इसके बाद तुरंत किसान अपने बेटे और परिवार वालों के साथ बैरसिया तहसीलदार संतोष मुदगल के कार्यालय में पहुंचा और कहा कि साहब चेक कर लो मैं जिंदा हूं। तहसीलदार ने पूरा वाक्या सुनने के बाद उसकी समस्या का हल करने का आश्वासन दिया
पीएम किसान सम्मान निधि का पैसा किसानों को ना देना पड़े इसके लिए शिवराज सरकार कई हथकंडे अपनाती रही है। लाखों किसानों को रिकवरी नोटिस भी भेजे गए थे।
— Piyush Babele||पीयूष बबेले (@BabelePiyush) March 28, 2023
लेकिन अब सारी हदें पार कर दी गईं। बैरसिया के दलित वर्ग के किसान कन्हैयालाल को सम्मान निधि ना देनी पड़े इसलिए उन्हें मृत घोषित कर दिया… pic.twitter.com/dUlNw3LyLx
घटना को लेकर मध्य प्रदेश कांग्रेस के मीडिया सलाहकार पीयूष बबेले ने शिवराज सरकार को निशाने पर लिया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, "पीएम किसान सम्मान निधि का पैसा किसानों को ना देना पड़े इसके लिए शिवराज सरकार कई हथकंडे अपनाती रही है। लाखों किसानों को रिकवरी नोटिस भी भेजे गए थे।लेकिन अब सारी हदें पार कर दी गईं। बैरसिया के दलित वर्ग के किसान कन्हैयालाल को सम्मान निधि ना देनी पड़े इसलिए उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। कन्हैयालाल अब ख़ुद को ज़िंदा करने की माँग कर रहे हैं।"