सारंगपुर: गोल्डन कार्ड बनाने में लापरवाही, 69 आशा कार्यकर्ताओं को नोटिस, नौकरी पर मंडराया खतरा
सारंगपुर गोल्डन कार्ड बनाने में लापरवाही के मामले में 69 आशा कार्यकर्ताओं को जनपद सीईओ द्वारा कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
सारंगपुर| एसडीएम के निर्देशों का पालन न करने और आयुष्मान भारत निरामयम योजना के तहत गोल्डन कार्ड बनाने में लापरवाही के मामले में 69 आशा कार्यकर्ताओं को जनपद सीईओ द्वारा कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। जनपद पंचायत सीईओ ने इसे गंभीर लापरवाही और दंडनीय कृत्य मानते हुए सभी आशा कार्यकर्ताओं को 30 नवंबर तक व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर जवाब प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही चेतावनी दी है कि संतोषजनक जवाब न मिलने पर उनके खिलाफ एकतरफा अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी, जिससे उनकी नौकरी पर खतरा मंडरा सकता है।
22 नवंबर को सारंगपुर जनपद के सभी गांवों में पंचायत स्तर पर शिविर लगाकर आयुष्मान भारत निरामयम योजना के तहत गोल्डन कार्ड बनाने का कार्य प्रारंभ करने के निर्देश दिए गए थे। प्रत्येक आशा कार्यकर्ता को प्रतिदिन 10 गोल्डन कार्ड बनाने का लक्ष्य दिया गया था। इस कार्य की प्रगति की रिपोर्ट हर शाम सीईओ द्वारा देखी जानी थी। हालांकि, 26 नवंबर तक 69 आशा कार्यकर्ताओं ने इस आदेश का पालन नहीं किया और एक भी गोल्डन कार्ड नहीं बनाया। इस लापरवाही के चलते योजना की प्रगति प्रभावित हुई और विभागीय छवि पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा।
सीईओ ने अपने नोटिस में स्पष्ट किया है कि इन कार्यकर्ताओं को बार-बार विभागीय समूह और अन्य माध्यमों से लक्ष्य पूरा करने की याद दिलाई गई थी। इसके बावजूद निर्देशों का पालन नहीं किया गया, जो अनुशासनहीनता और दंडनीय कृत्य के अंतर्गत आता है। सभी संबंधित आशा कार्यकर्ताओं को आदेश दिया गया है कि वे अपनी आयुष्मान आईडी से प्रतिदिन कम से कम 10 गोल्डन कार्ड बनाना सुनिश्चित करें।
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आयुष्मान भारत निरामयम योजना के तहत गोल्डन कार्ड बनाने में लापरवाही बरतने पर इन 69 आशा कार्यकर्ताओं को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। इनमें चंद्रकलाबाई संडावता, संतोष चौहान काल्याखेड़ी, कौशल्याबाई संडावता, सुनीताबाई भ्याना, सुगनबाई लीमाचौहान, राधाबाई लीमाचौहान, पप्पीबाई राठौर देंदला, सुनीताबाई दोबड़ाजोगी, कलाबाई वर्मा पांदा, सीमाबाई पांदा, बबिता गुर्जर श्यामगी घाटा, उमा सेन साबरस्या, लाड़कुंवर बाई दोबड़ा जमींदार, सुनीताबाई सेमलीलोड़ा, भंवरीबाई सेमलीलोड़ा, अनीताबाई राठौर मूंडलालोधा, सरिताबाई झिरी, बुलीबाई दांगी देवलीमान जागीर, भंवरीबाई खजुरियाहरि, संगीता नागर खजुरियाहरि, चंद्रकांता देवलीमान जागीर, बल्लभबाई देवलीमान जागीर, लीलाबाई कालापीपल, रामप्यारीबाई भैंसवामाता, दुर्गाबाई भैंसवामाता, शांतिबाई नागर अरन्या, किरण गुर्जर दराना, मनुबाई बिगनोदीपुरा, गंगाबाई ब्यावरामांडू, नगीना बाई आमगढ़ा, रजनीबाई दोबड़ा जोगी, अनीताबाई रामपुरिया, राधा मेवाड़े सईदाबाग, ललताबाई निहाल, गायत्री लववंशी निहाल, ललताबाई पड़ाना, संगीताबाई पड़ाना, संतोषबाई पड़ाना, रीनाबाई पड़ाना, ममता वंशकार पड़ाना, विष्णुबाई पड़ाना, रेखाबाई पड़ाना, लाड़कुंवर बाई नारायणपुर, गोकुलबाई रामपुरिया, रानीबाई कांकरिया, अनीताबाई करोंदी, माया राजपूत इटावा, शांतिबाई बुढ़नपुर, कला यादव लाटाहेड़ी, चंद्रकलाबाई बनी, कलाबाई पिपलिया पाल, रुक्मणिबाई मऊ, पुष्पा जाट शेरपुरा, अफसाना बी चतरूखेड़ी, नर्मदा खत्री उदनखेड़ी, मंजूबाई ग्वाड़ा, पूर्णिमाबाई सुल्तानिया, पूजा राजपूत गायन, गायत्री मालवीय नारानिया, सुनीताबाई छापरा, रीना नायक बाबल्दी, सुनीताबाई अरन्या, मायाबाई सराली, सुनीताबाई आसारेठा पवार, संजूबाई रोस्या, लक्ष्मीबाई पाटाड़िया धाकड़, और चंदा नागर कोड़ियाखेड़ी के नाम शामिल हैं। सभी को 30 नवंबर तक व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर जवाब देने का निर्देश दिया गया है।