कुंभ में न जाने वालों को देशद्रोही बता फंसे धीरेंद्र शास्त्री, कोर्ट ने नोटिस जारी कर पेश होने के दिए निर्देश

बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री ने 27 जनवरी 2025 को कहा था कि महाकुंभ में हर व्यक्ति को आना चाहिए। जो नहीं आएगा, वह पछताएगा और देशद्रोही कहलाएगा।

Updated: May 16, 2025, 07:19 PM IST

छतरपुर। मध्य प्रदेश के छतरपुर स्थित बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है। शहडोल जिला न्यायालय ने धीरेंद्र शास्त्री को नोटिस जारी किया है। उन्हें 20 मई को सुबह 11 बजे कोर्ट में उपस्थित होने के निर्देश दिए हैं।

यह पूरा मामला धीरेन्द्र शास्त्री के एक विवादास्पद बयान से जुड़ा हुआ है। दरअसल, जब प्रयागराज महाकुंभ का आयोजन चल रह था तब 27 जनवरी 2025  धीरेंद्र शास्त्री ने कहा था कि महाकुंभ में हर व्यक्ति को आना चाहिए। जो नहीं आएगा, वह पछताएगा और देशद्रोही कहलाएगा।

महाकुंभ में दिए गए इस बयान पर शहडोल के सीनियर एडवोकेट संदीप कुमार तिवारी ने 3 मार्च 2025 को जिला कोर्ट में परिवाद दायर किया था। इसी पर 15 मई को प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट सीताशरण यादव की कोर्ट ने नोटिस जारी किया है। एडवोकेट तिवारी ने 4 फरवरी को शहडोल के सोहागपुर थाने में शिकायत दी थी। 

पुलिस द्वारा कार्रवाई न करने पर पुलिस अधीक्षक को शिकायत भेजी गई। कार्रवाई नहीं होने पर 3 मार्च 2025 को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के समक्ष परिवाद प्रस्तुत किया। उन्होंने पंडित धीरेंद्र कृष्णा पर मुकदमा दर्ज करने की मांग की है। एडवोकेट तिवारी का कहना है कि शास्त्री का यह बयान की "कुंभ नहीं जाने वाला देशद्रोही है" संविधान की मूल भावना और धर्मनिरपेक्षता के विरुद्ध है। 

उन्होंने कोर्ट में लगाए परिवाद में सवाल उठाया है कि क्या सीमा पर तैनात सैनिक, डॉक्टर, पुलिसकर्मी या अन्य कर्तव्यरत नागरिक जो कुंभ में नहीं आ पाए, उन्हें देशद्रोही कहा जा सकता है? उन्होंने तर्क दिया कि जब सोशल मीडिया पर अमर्यादित टिप्पणी पर एफआईआर हो सकती है, तो सार्वजनिक मंच से भड़काऊ बयान देने वालों पर कार्रवाई क्यों नहीं हो सकती?