MP BJP के बड़े नेताओं की राजनीति खत्म करने का प्लान तैयार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने BJP संसदीय दल की बैठक में ऐसा कुछ कह दिया कि बीजेपी नेताओं के चेहरे मुरझा गए। पीएम मोदी ने अपने भाषण में वंशवाद की राजनीति पर सीधा हमला बोला। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीजेपी संसदीय दल की बैठक में कहा कि भाजपा में वंशवाद नहीं चलेगा। हाल में हुए 5 विधानसभा चुनावों में यदि किसी सांसद के बेटा-बेटा को टिकट नहीं मिला, तो मोदी उसे मैंने ही कटवाया था। वंशवाद की दिखा राजनीति लोकतंत्र के लिए खतरनाक है। प्रधानमंत्री मोदी के इतना कहते ही एमपी के उन दिग्गज नेताओं के चेहरे मुरझा गए जो अपने उत्तराधिकारी के रूप में बेटों को आगे करना चाहते हैं। 

Updated: Mar 19, 2022, 03:20 AM IST

PM Modi ने ऐसा क्या कहा कि मुरझा गए BJP नेताओं के चेहरे? 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने BJP संसदीय दल की बैठक में ऐसा कुछ कह दिया कि बीजेपी नेताओं के चेहरे मुरझा गए। पीएम मोदी ने अपने भाषण में वंशवाद की राजनीति पर सीधा हमला बोला। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीजेपी संसदीय दल की बैठक में कहा कि भाजपा में वंशवाद नहीं चलेगा। हाल में हुए 5 विधानसभा चुनावों में यदि किसी सांसद के बेटा-बेटा को टिकट नहीं मिला, तो मोदी उसे मैंने ही कटवाया था। वंशवाद की दिखा राजनीति लोकतंत्र के लिए खतरनाक है। प्रधानमंत्री मोदी के इतना कहते ही एमपी के उन दिग्गज नेताओं के चेहरे मुरझा गए जो अपने उत्तराधिकारी के रूप में बेटों को आगे करना चाहते हैं। 

हितानंद शर्मा के लिए बीजेपी में बड़ी चुनौतियां

सुहास भगत की बीजेपी से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में वापसी के बाद नए प्रदेश संगठन महामंत्री की नियुक्ति हो गई है। यह जिम्मेदारी अब तक सह संगठन महामंत्री रहे हितानंद शर्मा को दी गई है। विश्लेषक मानते हैं कि हितानंद शर्मा के सामने कई चुनौतियां भी हैं। अगले दो सालों में विधानसभा और लोकसभा चुनाव होने हैं, तो संगठन में जातीय और क्षेत्र के आधार पर संतुलन भी साधना है। इन कार्यों में उनके सांगठनिक कौशल की परख होगी। पार्टी की रीति-नीति में प्रदेश संगठन महामंत्री की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। पहले कई ऐसे मौके आ चुके हैं, जब प्रदेश संगठन महामंत्री ने प्रदेश अध्यक्ष के फैसलों को भी रोक दिया है। ऐसे में हितानंद शर्मा के सामने सबसे बड़ी चुनौती 2023 का विधानसभा चुनाव है। खासकर ज्योतिरादित्य सिंधिया खेमे को प्राथमिकता मिलने से बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं में फेल रही नाराजी को खत्म करना बड़ा व महत्वपूर्ण कार्य है। 

समय से पहले खत्म हुआ विधानसभा का एक और सत्र

मध्यप्रदेश विधानसभा का बजट सत्र एक बार फिर समय से पहले खत्म हो गया। सत्र 7 मार्च से शुरू होकर 25 मार्च तक चलना था, लेकिन बुधवार 16 मार्च को 9 दिन पहले समाप्त कर दिया गया। कुल 21 घंटे 52 मिनट तक चली सदन की कार्यवाही के बाद 2.79 लाख करोड़ का बजट हंगामे और शोर-शराबे के बीच मंजूर हो गया। काम की दृष्टि से देखें तो 13 दिन की बैठक में 8 ही दिन काम हुआ। 5 दिन काम नहीं हुआ। कांग्रेस विधायकों ने सरकार पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि बजट पर चर्चा की बजाय सरकार भागना चाहती है, जबकि सत्ता पक्ष ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ और चीफ व्हिप गोविंद सिंह की सहमति से खत्म हुआ है।