विंध्य की शान सफेद बाघिन विंध्या की मौत, मुकुंदपुर ज़ू परिसर में विधिवत रूप से किया गया अंतिम संस्कार

मुकुंदपुर वाइट टाइगर सफारी की पहली सफ़ेद बाघिन विंध्या की मौत, 15 साल 8 महीने की उम्र में तोड़ा दम, वन अमले में शोक की लहर

Updated: May 09, 2023, 07:15 PM IST

रीवा। मध्य प्रदेश के रीवा स्थित महाराजा मार्तंड सिंह व्हाइट टाइगर सफारी में सफेद बाघिन विंध्या की लंबी बीमारी के बाद मौत हो गई। विंध्या की उम्र 16 वर्ष की थी। विंध्या के आने से ही विंध्य में लंबे अर्से बाद टाइगर की वापसी हुई थी। विंध्या की मौत से वन अमले में शोक की लहर है।

डीएफओ विपिन पटेल ने जानकारी देते हुए बताया की 15 साल 8 महीने की विंध्या बीमार थी। उसका इलाज चल रहा था। उसने खाना-पीना छोड़ दिया था। मंगलवार तड़के उसकी मौत हो गई। सफारी में ही उसका अंतिम संस्कार किया गया। अंतिम संस्कार विधिवत तरीके से शाम 4 बजे किया गया। मध्य प्रदेश के वन मंत्री विजय शाह ने कहा कि, 'यह सामान्य घटना है। हम कब तक किसी को मरने नहीं दे सकते? बाघ की सामान्य उम्र 8-10 साल होती है। वह कुछ दिनों से बिमार थी और उसकी सामान्य घटना में मृत्यु हुई है।' 

इसके पहले सफारी में कुल 5 व्हाइट टाइगर थे। इनमें से विंध्या सहित दो की मौत हो चुकी है। अब सिर्फ राधा नाम की एक सफेद बाघिन बची है और उसके दो शावक जिंदा हैं। इस प्रकार तीन सफेद बाघ ही अब सफारी में बचे हैं। बता दें कि दुनिया की इकलौती व्हाइट टाइगर सफारी मुकुंदपुर बाघों के लिए जानलेवा साबित हो रही है। लाॅकडाउन के दौरान ही 5 बाघ और 2 शावकों ने दम तोड दिया था। तब स्कूल ऑफ वाइल्ड फोरेंसिक एण्ड हेल्थ नाना जी देशमुख पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय जबलपुर के चिकित्सकों ने बाघों के ब्लड सैपल लिये थे तो तब उनमें बीमारी और इंफेक्शन पाए गए थे।

हालांकि विंध्या की मौत को लेकर विशेषज्ञ बता रहे हैं कि वह अपनी उम्र पूरी कर चुकी थी। काफी बुजुर्ग थी और बीमार थी। इसलिए उसकी मौत हुई है। 03 अप्रैल 2016 में विश्व की पहली व्हाइट टाइगर सफारी और जू का लोकार्पण हुआ था तब विंध्या को यहां लाया गया था। विंध्या की मौत से सफारी में शोक की लहर है। सफारी और वन विभाग के अधिकारियों के साथ ही पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ला टाइगर सफारी पहुंचकर विंध्या को श्रद्धांजलि देने पहुंचे।