बिहार, यूपी के बाद अब मध्यप्रदेश के पन्ना में नदी में बहते मिले शव, ग्रामीणों में दहशत का माहौल

पन्ना जिले में केन नदी की सहायक रुंझ नदी के किनारे स्थित नंदनपुर गांव में नदी किनारे बहते देखे गए करीब आधा दर्जन शव, पुलिस का दावा सिर्फ 2 बरामद हुए

Updated: May 12, 2021, 09:54 AM IST

Photo Courtesy: Hindustan
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पन्ना। बिहार के बक्सर और उत्तरप्रदेश के गाजीपुर के बाद अब मध्यप्रदेश में भी नदी में बहते शव मिले हैं। मामला पन्ना जिले का है जहां केन नदी की सहायक रुंझ नदी में आधा दर्जन शव बहते देखे गए। नदी में शव देखे जाने के बाद ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। ग्रामीणों को आशंका है कि ये शव कोरोना पीड़ितों के हैं। पन्ना जिला प्रशासन ने नदी में बहते दो शवों को निकालकर दफ्न किया है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक घटना पन्ना जिले के धर्मपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत नंदनपुर का है। ग्रामीणों का दावा है कि बीते 4 दिनों से हर रोज करीब 5-6 शव बहते देखे जा रहे हैं। नंदनपुर निवासी राजेश यादव ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि, 'शवों को कभी भी रुंझ नदी में बहते देखा जा सकता है। हालांकि, हमें इस बात की जानकारी नहीं है कि ये शव कोरोना संक्रमण से मृत हुए लोगों के हैं या नहीं। लेकिन हमने अपने जीवन मे पहली बार नदी में ऐसे शवों को बहते हुए देखा है। गांव के लोग अपने बच्चों को घर से बाहर तक नहीं निकलने दे रहे हैं, क्योंकि ग्रामीणों में कोरोना महामारी का दहशत है।' 

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पन्ना कलेक्टर संजय कुमार मिश्रा ने ग्रामीणों के दावों को अफवाह करार देते हुए खारिज कर दिया है। कलेक्टर का दावा है कि नदी में दो शव ही बह ही रहे थे, जिसे प्रशासन ने दफ्न कर दिया है। मिश्रा ने कहा, 'पन्ना में शवों को नदियों में प्रवाहित करने की परंपरा रही है। अमूमन लोग इन्हें प्रवाहित करने केन नदी में जाते हैं, लेकिन लॉकडाउन होने की वजह से स्थानीय नदियों में ही प्रवाहित कर दे रहे हैं। अबतक हमें दो शव ही मिले हैं, हालांकि हम जांच कर रहे हैं कि क्या नदी में कुछ और शव हैं।'

जिला कलेक्टर ने यह भी दावा किया कि ये दोनों शव कोरोना संक्रमितों के नहीं हैं। ये दोनों पड़ोस के गांवों की लाशें हैं जिनकी कैंसर की वजह से मौत हुई है। उधर ग्रामीणों की मांग है कि तत्काल नदी को साफ किया जाए। चूंकि, स्थानीय लोग नदी के पानी का ही खाना बनाने से लेकर पीने तक में इस्तेमाल करते हैं। ऐसे में लाशें मिलने के बाद उनके लिए पानी का इस्तेमाल मुश्किल हो गया है।