मध्यप्रदेश में 6 हजार से ज्यादा हुए डेंगू मरीज, 1100 से ज्यादा मरीजों के साथ मंदसौर की हालत चिंताजनक

नाकाफी साबित हुई सरकार की मुहिम, डेंगू से जंग जनता के संग के बाद भी लगातार बढ़ रहे डेंगू मरीज, मंदसौर बना हॉट स्पॉट, उज्जैन में भी बढे मरीज, जबलपुर की हालत भी चिंताजनक

Updated: Oct 05, 2021, 06:50 AM IST

Photo Courtesy: Patrika
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भोपाल। प्रदेश में मच्छरों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। सरकार के लाख कोशिशों के बाद भी डेंगू का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। मध्यप्रदेश में डेंगू मरीजों की कुल संख्या 6070 पहुंच गई है। अब तक इसके इलाज के लिए करीब 3467 मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने की नौबत आई थी।  वर्तमान में 221 मरीजों का इलाज अस्पतालों में जारी है। कुल 3130 मरीज रिकवर हो चुके हैं।

सरकार द्वारा डेंगू जागरुकता के लिए चलाया जा रहा अभियान भी कुछ खास कमाल नहीं कर पाया है। यही वजह है कि प्रदेश में 6 हजार से ज्यादा मरीज हो गए हैं। पहले नंबर पर मंदसौर बना हुआ है, यहां कुल मरीजों की संख्या 1100 है दूसरे नंबर पर जबलपुर है यहां 666 मरीज हैं। इंदौर में 466 मरीज हैं, जबकि उज्जैन में 409 मरीज मिले हैं। उज्जैन में अक्टूबर में ही अब तक के सबसे ज्यादा 79 मरीज मिले हैं।

डेंगू मरीजों की संख्या के मामले में रतलाम 391, भोपाल 390, ग्वालियर 308, नीमच 264, छिंदवाड़ा 239, आगर 213, देवास 142, टीकमगढ़ 121, सागर 115, धार 100, खरगोन में यह आंकड़ा शतक बना रहा है। प्रदेश के 15 से ज्यादा जिलों में 100 से ज्यादा मरीज हैं।सरकारी आकंड़ों के अनुसार कुल 6 हजार मरीज डेंगू से जंग लड़ने को मजबूर हैं।

कोरोना की तीसरी लहर की आंशका के बीच डेंगू से जंग काफी कठिन पड़ रही है। बुखार आने पर लोग अस्पताल जाने से बच रहे हैं, अस्पतालों तक केवल वे मरीज ही पहुंच रहे हैं जिनकी हालत बिगड़ती जा रही है, प्लेटलेट्स कम हो रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की मानें तो प्रदेश में डेंगू से केवल 5 मरीजों की मौत हुई है। स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि इस साल अब तक कुल 30 हजार 302 मरीजों की डेंगू जांच की जा चुकी है। मरीजों को उचित इलाज दिया जा रहा है।

पिछले महीने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की अगुवाई में डेंगू से निपटने के लिए डेंगू   जंग जनता के संग नाम के अभियान की शुरुआत हुई थी। जिसके तहत लोगों को उनके घरों और आसपास के इलाकों में साफ-सफाई रखने की अपील की गई थी। लोगों के घरों में डेंगू का लार्वा पाए जाने पर जुर्माना लगाया जा रहा था। पानी रुकने वाले स्थानों में गंबूशिया मछली और नीम के तेल के छिड़काव की सलाह दी गई थी। कई इलाकों में डेंगू का लार्वा खाने वाली मछली का वितरण भी किया गया था। शासन प्रशासन की लाख कोशिशों के बाद भी डेंगू मरीजों की संख्या में इजाफा इसी बात का संकेत हैं कि योजनाएं दिखावा मात्र रही हैं। उन्हें सख्ती से लागू नहीं किया गया है। इसलिए डेंगू मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है।