MP By Elections: सिर्फ़ एक सीट पर 250 से ज्यादा आचार संहिता उल्लंघन के मामले
Violation of Code of Conduct: बीजेपी कांग्रेस दोनों ही राजनीतिक दल सोशल मीडिया में भ्रामक प्रचार की शिकायत कर रहे हैं और एक दूसरे पर दोषारोपण कर रहे हैं

भोपाल। मध्य प्रदेश के सिर्फ एक सीट पर 250 से ज्यादा आचार संहिता के उल्लंघन के मामले सामने आए हैं। यह सीट है इंदौर जिले का हाईप्रोफाइल सीट सांवेर। सांवेर में सोमवार तक 250 से ज्यादा आचार सहित उल्लंघन की शिकायतें चुनाव आयोग से की जा चुकी हैं। इसमें से 95 फीसदी शिकायतें बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों की ओर से एक दूसरे के खिलाफ की गई हैं। दिलचस्प बात यह हैं कि दोनों राजनीतिक दल सोशल मिडिया में भ्रामक प्रचार की शिकायत कर रहे हैं। जबकि बाकी 5 फीसदी शिकायतें क्षेत्र के लोगों द्वारा की जा रही हैं।
आमलोगों को शिकायत है कि उनके घरों, दुकानों व अन्य सम्पत्ति पर राजनीतिक दलों द्वारा जबरन चुनावी प्रचार के बैनर,पोस्टर आदि चस्पां किए जा रहें हैं। इसके इतर कुछ शिकायतों में सभाओं में पैसे बांटने, कोरोना नियमों का उलंघन, मुफ्त साड़ी बांटना, भोजन करना और गाय पर अपने चुनावी निशान बनवाने की शिकायतें भी चुनाव आयोग तक पहुंची हैं। इन शिकायतों को लेकर कलेक्ट्रेट ने अलग अलग कंट्रोल रूम बनवा दिए हैं। यह कंट्रोल रूम अपर कलेक्टर और एसडीएम द्वारा द्वारा संभाला जा रहा है। इस कंट्रोल रूम के जरिये 24 घंटे शिकायतों पर नजर रखी जाती है।
सांवेर में आचार सहित के उल्लंघन के कारण 22 एफआईआर दर्ज
सांवेर विधानसभा में आचार सहित के उल्लंघन को लेकर अबतक 22 एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं। इनमे से बीजेपी के 13 नेताओं और कांग्रेस के 6 नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई हैं। ज्यादातर मामले कोरोना और चुनावी आचार सहिता के उल्लंघन के कारण दर्ज कराए गए हैं। बीजेपी के सांवेर से प्रत्याशी तुलसी सिलावट, विधायक रमेश मेंदोला, पूर्व महापौर कृष्णमुरारी मोघे, विधायक आकाश विजयवर्गीय, भाजपा जिलाध्यक्ष राजेश सोनकर और प्रदेश प्रवक्ता उमेश शर्मा जैसे अन्य नेताओं पर एफआईआर दर्ज हुई हैं।
दूसरी ओर इसी विधानसभा के कांग्रेस प्रत्याशी प्रेमचंद्र गुड्डू, पूर्व मंत्री जीतू पटवारी, कांग्रेस जिलाध्यक्ष सदाशिव यादव, मकबूल पटेल, विकास सोनी के खिलाफ एफआईआर हुई है। इसके अलावा 3 मामले ऐसे भी है जहां उड़नदस्ते के अधिकारियों की शिकायत पर ठाकुर कमल सिंह, संदीप राठौर, राजेंद्र सिंह और अजीतसिंह राणा के खिलाफ मुकदमे दर्ज कर लिए गए हैं।
मध्य प्रदेश की सांवेर सीट इसलिए इतनी हाई प्रोफाइल हो गई है क्योंकि यहां से कांग्रेस छोड़ बीजेपी का दामन थामनेवाले तुलसी सिलावट चुनाव लड़ रहे हैं। तुलसी सिलावट कांग्रेस की सरकार में स्वास्थ्य मंत्री थे, लेकिन जब देस और प्रदेश में कोरोना की दस्तक पढ़ रही थी, ठीक उसी वक्त सिलावट कांग्रेस की सरकार गिराने के लिए बेंगलुरू जा बैठे थे। लगभग 10 दिनों तक चले ड्रामे के बाद सिलावट और अन्य ने कांग्रेस छोड़ बीजेपी का दामन थाम लिया था। कांग्रेस के इन्हीं 22 विधायकों के पार्टी छोड़ने के बाद कमलनाथ सरकार गिर गई थी। इन्हीं विधायकों की सीट पर अब दोबारा चुनाव कराने पड़ रहे हैं और सिलावट को सिंधिया का सबसे करीबी माना जाता है। इसलिए सांवेर की सीट सिंधिया, सिलावट के अलावा बीजेपी के लिए भी नाक का सवाल बन गई है। शिवराज ने इन्हीं प्रत्याशी के लिए घुटने के बल बैठकर वोट मांगे हैं।