आधार कार्ड से नहीं प्रमाणित हो सकती पीड़िता की उम्र, मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की टिप्पणी

एमपी हाई कोर्ट ने कहा कि आधार कार्ड भारत सरकार द्वारा नहीं बल्कि भारतीय विशेष पहचान प्राधिकरण नामक संस्था करती है, ऐसे में यह पैमाना पीड़िता की उम्र निर्धारित करने के लिए नहीं अपनाया जा सकता

Publish: Apr 24, 2023, 05:51 PM IST

भोपाल। बलात्कार के एक मामले में सुनवाई करते हुए मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने आधार कार्ड को लेकर अहम टिप्पणी की है। एमपी हाई कोर्ट ने आधार कार्ड को उम्र की प्रामाणिकता का पैमाना मानने से इनकार कर दिया है। कोर्ट के मुताबिक आधार कार्ड से किसी व्यक्ति की उम्र प्रमाणित नहीं हो सकती।

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में रेप के आरोपी की ओर से एक याचिका दाखिल की गई थी। जिसमें रेप की शिकार पीड़िता के उम्र की जानकारी के लिए उसके आधार कार्ड की मूल प्रति मांगी गई थी। लेकिन मामले की सुनवाई कर रही न्यायाधीश विवेक अग्रवाल की बेंच ने इस याचिका को खारिज कर दिया। 

एक बेंच ने कहा कि आधार कार्ड भारत सरकार नहीं बल्कि भारतीय विशेष पहचान प्राधिकरण जारी करता है जोकि एक स्वतंत्र एजेंसी है। ऐसे में आधार कार्ड को सही उम्र का पैमाना नहीं माना जा सकता। कोर्ट ने इसके लिए जरनैल सिंह बनाना सुप्रीम कोर्ट वाले मामला का भी उदाहरण दिया। 

रेप के आरोपी की ओर से इससे पहले ट्रायल कोर्ट में भी पीड़िता की उम्र को लेकर आधार कार्ड की मूल प्रति की मांग वाली याचिका दाखिल की गई थी, जिसे ट्रायल कोर्ट ने खारिज कर दिया था। जिसके बाद इस फैसले को एमपी हाई कोर्ट में भी चुनौती दी गई लेकिन कोर्ट ने भी ट्रायल कोर्ट के फैसले को ही बरकरार रखा।