ट्रंप टैरिफ से दुनियाभर में भूचाल, कोरियन 5 फीसदी तो जापानी बाजार 8 फीसदी टूटा, भारतीय निवेशकों के 19 लाख करोड़ डूबे
ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी के बाद पिछले कुछ दिनों में दुनिया भर के शेयर बाजारों को करीब 6 ट्रिलियन डॉलर का नुकसान हुआ है। ट्रंप का कहना है कि ये मार्केट में गिरावट दवा की तरह है, जो लॉन्ग टर्म में फायदा पहुंचाएगी।

ट्रंप टैरिफ ने ग्लोबल मार्केट में भूचाल ला दिया है। आज यानी सोमवार, 8 अप्रैल को एशियाई शेयर बाजार भारी गिरावट के साथ खुले। वहीं, जापान, हॉन्ग कॉन्ग, ऑस्ट्रेलिया जैसे बड़े मार्केट्स में जबरदस्त गिरावट दर्ज की गई। भारतीय शेयर बाजार पर भी ब्लैक मंडे का खौफ है। आज के कारोबार में सेंसेक्स में 3 हजार अंकों की गिरावट देखी जा रही है। इससे मिनटों में भारतीय निवेशकों के 19 लाख करोड़ रुपए डूब गए।
जापान के Nikkei 225 इंडेक्स में सोमवार को 7% से ज्यादा की गिरावट देखने को मिली, जबकि TOPIX इंडेक्स लगभग 9.6% तक गिर गया। यह अगस्त के बाद सबसे निचला स्तर है। हॉन्ग कॉन्ग का Hang Seng इंडेक्स 9.28% गिर गया और 21 हज़ार के करीब आ गया। इस गिरावट के बाद जापान में फ्यूचर ट्रेडिंग को रोकना पड़ा, यानी सर्किट ब्रेकर लगाना पड़ा। इस तरह की गिरावट निवेशकों में डर और पैनिक का साफ संकेत देती है।
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चीन का शंघाई कंपोजिट इंडेक्स 4.21 फीसदी गिरा। वहीं, ताइवान का शेयर मार्केट 9.8% तक गिर गया।कोरिया के कोस्पी इंडेक्स में 4.50% की गिरावट है। ऑस्ट्रेलिया का प्रमुख इंडेक्स 6% तक टूट गया। ये सब इसलिए हो रहा है क्योंकि इन्वेस्टर्स को लग रहा है कि ट्रेड वॉर की वजह से ग्लोबल ग्रोथ पर असर पड़ेगा और कंपनियों के मुनाफे में बड़ी गिरावट हो सकती है।
सिर्फ एशियाई मार्केट ही नहीं दुनियाभर में इसी तरह के हालात हैं। सिंगापुर के मार्केट में 7 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। अमेरिका के शेयर फ्यूचर्स में भी बड़ी गिरावट देखी गई। Nasdaq और S&P 500 फ्यूचर्स में 4-5% तक गिरावट दर्ज हुई। इसका सीधा मतलब है कि आज अमेरिकी बाजार खुलते ही और ज्यादा गिर सकते हैं।
ट्रंप के टैरिफ एक्शन के बाद अमेरिकी कंपनियों के एक ट्रिलियन डॉलर की वैल्यू साफ हो चुकी है। ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी के बाद पिछले कुछ दिनों में दुनिया भर के शेयर बाजारों से करीब 6 ट्रिलियन डॉलर की वैल्यू साफ हो गई है। उधर, ट्रंप की तरफ से लगाए गए भारी इम्पोर्ट टैक्स के जवाब में चीन ने भी अमेरिका पर सख्त टैरिफ लगा दिए। इस ट्रेड वॉर के डर से दुनिया भर के निवेशक घबरा गए और जमकर शेयर बेचने लगे।
अमेरिका और दुनियाभर में ट्रेड मार्केट्स में मची उथल-पुथल पर ट्रम्प ने कहा कि बाजारों के साथ आगे क्या होगा, मैं नहीं कह सकता, लेकिन हमारा देश अब कहीं ज्यादा मजबूत है। मुझे मार्केट क्रैश से फर्क नहीं पड़ा है क्योंकि ये कुछ ही समय के लिए है। फिर सब नॉर्मल हो जाएगा।