कांग्रेस संगठन में बड़ा फेरबदल, नए सचिवों-संयुक्त सचिवों की नियुक्ति, कुणाल चौधरी को महाराष्ट्र में जिम्मेदारी

मध्य प्रदेश युवा कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और एमपी कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता कुणाल चौधरी को महाराष्ट्र में सचिव नियुक्त किया गया है।

Updated: Aug 31, 2024, 09:48 AM IST

नई दिल्ली। कांग्रेस संगठन में बड़े स्तर पर फेरबदल हुआ है। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने अलग-अलग राज्यों में प्रदेश प्रभारी महासचिव के साथ सचिव और संयुक्त सचिवों की नियुक्ति की है। लिस्ट में कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान समेत अलग-अलग राज्यों की नियुक्तियां शामिल है।

इन सभी राज्यों में पार्टी नेतृत्व ने सचिव और संयुक्त सचिव नियुक्त किए हैं। इससे पहले अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) ने हर राज्य में एक राष्ट्रीय महासचिव को प्रदेश का प्रभारी नियुक्त किया था। अब सेक्रेटरी और जॉइंट सेक्रेटरी की नियुक्ति की गई है। ये प्रदेश प्रभारी के साथ मिलकर दिए गए राज्यों की जिम्मेदारी संभालेंगे।

मध्य प्रदेश युवा कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और एमपी कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता कुणाल चौधरी को महाराष्ट्र में सचिव नियुक्त किया है। वहीं मध्य प्रदेश में इंचार्ज सेक्रेटरी संजय दत्त को छोड़कर सभी प्रभारी सचिव बदल दिए गए हैं अब मध्य प्रदेश में संजय दत्त के साथ चंदन यादव, आनंद चौधरी को सचिव बना कर भेजा गया है वही रणविजय सिंह जॉइंट सेक्रेटरी होंगे।

प्रणब झा और गौरव पांधी भी कांग्रेस के सचिव बनाए गए हैं। ये अब तक कांग्रेस अध्यक्ष के कार्यालय में समन्वयक थे। वहीं, विनीत पुनिया कांग्रेस के संचार विभाग में सचिव बने रहेंगे। जबकि रुचिका चतुर्वेदी को इस विभाग में सचिव के रूप में नियुक्ति दी गई है। 

राजस्थान के पूर्व विधायक दानिश अबरार को दिल्ली और दिव्या मदेरणा को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में सचिव के रूप में नियुक्त किया गया है। अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष नेट्टा डी सूजा, एनएसयूआई के पूर्व अध्यक्ष नीरज कुंदन और नवीन शर्मा भी कांग्रेस के सचिव के रूप में काम करेंगे। 

मनोज त्यागी और सुशांत मिश्रा को संयुक्त सचिव नियुक्ति किया गया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री दिवंगत शरद यादव की बेटी सुभाषिनी यादव को भी सचिव नियुक्त किया गया है। झारखंड सरकार की मंत्री दीपिका पांडे को सचिव की जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया गया है। वहीं, राज्यसभा सदस्य रंजीत रंजन को भी उनकी जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया गया है।