MP हाईकोर्ट ने युवक को दी 50 पौधे लगाने की सजा, वन विभाग के अधिकारी करेंगे निगरानी
न्यायालय की अवमानना मामले की सुनवाई करते हुए जबलपुर हाईकोर्ट ने यह अनोखा फैसला सुनाया। साथ ही दोबारा ऐसी गलती न करने की युवक को चेतावनी भी दी।
भोपाल। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने एक व्यक्ति को आपराधिक अवमानना मामले में अनोखी सजा सुनाई है। उच्च न्यायालय ने आरोपी को एक महीने के भीतर देशी प्रजातियों के 50 पेड़ लगाने का आदेश दिया है। आरोपी द्वारा नियत समय में पेड़ लगाए या नहीं इस बात की निगरानी वन विभाग के अधिकारी करेंगे।
जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की खंडपीठ ने राहुल साहू के खिलाफ स्वप्रेरणा से दायर आपराधिक अवमानना याचिका पर दो दिसंबर को यह आदेश जारी किया। कोर्ट ने कहा, 'हम आरोपी के आचरण को ध्यान में रखते हुए निर्देश देते हैं कि वह मुरैना जिले के संबलगढ़ क्षेत्र में देशी प्रजातियों के 50 पेड़ लगाएंगे। पेड़ देशी प्रकृति के होने चाहिए और उनकी ऊंचाई कम से कम चार फुट होनी चाहिए।'
कोर्ट ने कहा कि पेड़ों को उपमंडल अधिकारी, सबलगढ़ के निर्देशन में लगाया जाएगा। पेड़ एक महीने की अवधि के भीतर लगाए जाएंगे। बता दें कि यह सजा उसे कोर्ट पर अनर्गल टिप्पणी करने पर सुनाई गई। राहुल साहू राजस्थान के जयपुर का रहने वाला है। सबलगढ़ (मुरैना, एमपी) में उसकी शादी हुई है। सबलगढ़ प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी अभिषेक कुमार के न्यायालय में उसके खिलाफ भरण-पोषण का मामला विचाराधीन है।
7 मई 2024 को पत्नी पूजा ने सबलगढ़ कोर्ट को बताया कि राहुल ने उसके खिलाफ गलत शब्द बोले, इतना ही नहीं कोर्ट पर भी अनर्गल टिप्पणी वाली पोस्ट सोशल मीडिया पर डाली। पूजा ने इस पोस्ट के कुछ सबूत भी कोर्ट में दिए थे। सबलगढ़ कोर्ट ने राहुल को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया, लेकिन आरोपी ने न तो जवाब प्रस्तुत किया और न ही वो खुद कोर्ट में उपस्थित हुआ। इसे कोर्ट ने आपराधिक अवमानना करार दिया। उसके इस रवैये पर आपराधिक अवमानना केस चलाने के लिए हाईकोर्ट को लेटर भेजा गया है।