एमपी हाई कोर्ट ने शिवराज सरकार को लगाई फटकार, कहा, कोरोना को नियंत्रित करने के लिए सरकार उठाए सख्त कदम, हम मूकदर्शक बन कर नहीं रह सकते

हाई कोर्ट ने सरकार को गंभीर मरीजों को एक घंटे के अंदर रेमडेसिविर इंजेक्शन मुहैया कराने के आदेश दिए हैं, न्यायालय ने कहा है कि अगर इंजेक्शन की कमी है तो सरकार आयात करे, लेकिन मरीजों के स्वास्थ्य में कोताही बर्दाश्त के बाहर है

Publish: Apr 20, 2021, 03:33 AM IST

Photo Courtesy: Freepress journal
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भोपाल। मध्यप्रदेश में बढ़ते कोरोना के संक्रमण के बीच प्रदेश की लचर स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर एमपी हाई कोर्ट ने शिवराज सरकार को जमकर फटकार लगाई है। हाई कोर्ट ने शिवराज सरकार को साफ निर्देश देते हुए कहा है कि प्रदेश में कोरोना को नियंत्रित करने के लिए राज्य सरकार सख्त कदम उठाए। हम मूकदर्शक बने नहीं रह सकते। 

उच्च न्यायालय ने शिवराज सरकार को स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा है कि अस्पताल में गंभीर हालत में भर्ती मरीजों को सरकार एक घंटे के भीतर रेमडेसिविर इंजेक्शन मुहैया कराए, ज़रूरत पड़ती है तो सरकार बाहर से इंजेक्शन आयात करे। लेकिन मरीजों के स्वास्थ्य में कोताही बरतना सही नहीं है।   

मध्यप्रदेश हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को 19 पन्नों का आदेश जारी किया है। जिसमें मेडिकल स्टाफ की नियुक्तियां, स्वास्थ्य विभाग में खाली पदों पर संविदा पर नियुक्तियां, 36 घंटों में आरटी पीसीआर की जांच रिपोर्ट और प्रदेश में कोरोना की जांच बढ़ाने जैसे आदेश दिए। हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को फरमान राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा और एक सृजन एक आशा नामक संस्था की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुनाया है।

हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को 15 दिनों के भीतर राज्य में स्वास्थ्य व्यवस्था सुधारने का आदेश दिया है। हाई कोर्ट इस मामले में 10 मई को सुनवाई करने वाली है। लिहाज़ा कोर्ट ने राज्य सरकार को उस दिन कोर्ट में एक्शन टेकन रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा है।