जल्दी अमीर बनने की चाहत में छापने लगे नोट, जबलपुर में 5 लाख के नकली नोट के साथ दो गिरफ्तार
आरोपी ने पुलिस से कहा कि उसे बहुत जल्दी अमीर बनना है। उसकी चाहत थी कि उसका खुद का घर हो, कार हो। ऐसे में उसके दिमाग में नकली नोट छापने की तरकीब आई।

जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर में नकली नोट छापने वाले गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है। यहां पुलिस ने 2 आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके पास से बड़ी संख्या में नकली नोट बरामद किए हैं। जब्त किए गए नोटों में कई नोट एक ही सीरियल नंबर के हैं। उनमें गांधी जी का वाटरमार्क भी नहीं था, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि नोट जाली है।
हनुमानताल थाना के प्रभारी धीरज राज ने मीडिया को बताया कि उन्हें मुखबिर से सूचना मिली थी कि एक व्यक्ति भारी मात्रा में नकली नोट लेकर मंडी मदार टेकरी कब्रिस्तान के पास किसी को देने के लिए आने वाला है। सूचना को गंभीरता से लेते हुए पुलिस टीम ने तत्काल मौके पर दबिश दी, जहां मुखबिर की ओर से बताए गए हुलिए का एक व्यक्ति स्कूल बैग लेकर खड़ा मिला।
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पुलिस ने उसे घेराबंदी कर पकड़ा, तो पूछताछ में उसने अपना नाम रवि दहिया बताया। उसने बताया कि वह घमापुर के शुक्ला होटल के पास के निवासी है। जब पुलिस ने उसके बैग की तलाशी ली, तो उसमें 500 रुपये के 6 बंडल मिले। नोटों की जांच में पाया गया कि उनमें न तो वाटरमार्क है, न ही वह प्रामाणिक सुरक्षा फीचर मौजूद हैं। आरोपी रवि दाहिया के निशानदेही पर पुलिस ने ऋतुराज विश्वकर्मा को भी गिरफ्तार किया। इनके पास से करीब पांच लाख रुपए के नकली नोट बरामद हुए हैं।
पूछताछ में ऋतुराज विश्वकर्मा ने पुलिस से कहा कि उसे बहुत जल्दी अमीर बनना है। उसकी चाहत थी कि खुद का घर हो, कार हो। लेकिन, प्राइवेट नौकरी में ये सब जल्दी होना मुमकिन नहीं था। इसी कारण उसने कुछ ऐसा करने की सोची, जिससे कम समय में बहुत सारा पैसा आ जाए। उसने कई फिल्में और वेब सीरीज देखी लेकिन कुछ समझ नहीं आया। आखिरकार उसने तय किया कि वह नकली नोटों की छपाई करेगा।