पत्रकारिता विवि में फर्जी नियुक्तियों के खिलाफ NSUI का प्रदर्शन, कुलपति केजी सुरेश पर लगे गंभीर आरोप

मध्य प्रदेश NSUI ने कुलपति केजी सुरेश पर संघ के लोगों को फर्जी तरीके से विश्वविद्यालय में नियुक्त करने का आरोप लगाया, NSUI ने कुलपति को चेतावनी देते हुए कहा कि वक्त रहते संभल जाएं, वरना गंभीर परिणाम भुगतने होंगे

Updated: Sep 26, 2022, 02:44 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश का एकमात्र पत्रकारिता विश्वविद्यालय माखनलाल चतुर्वेदी एक बार फिर विवादों में है। विश्वविद्यालय के कुलपति केजी सुरेश पर छात्र संगठन एनएसयूआई ने गंभीर आरोप लगाए हैं। एनएसयूआई का दावा है कि केजी सुरेश आरएसएस के लोगों को फर्जी तरीके से विवि में नियुक्तियां दिलवा रहे हैं। एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने इसके खिलाफ सोमवार को विवि परिसर में सत्याग्रह किया।

सोमवार को NSUI कार्यकर्ताओं ने विश्वविद्यालय के गेट पर बैठकर जमकर नारेबाजी की और कुलपति केजी सुरेश को गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी भी दी। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि हाल ही में बिना विज्ञापन निकाले कुलपति केजी सुरेश ने अपने करीबी अंकित पांडेय को रिसर्च एसोसिएट के पद पर नियुक्ति दे दी। इसके अलावा संघ की पृष्ठभूमि से आने वाले एक अन्य शख्स को असिस्टेंट रजिस्ट्रार के पद पर नियुक्त कर दिया है। 

प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे एनएसयूआई कार्यकर्ता रवि परमार ने कहा कि 'पत्रकारिता विश्वविद्यालय संघ की प्रयोगशाला बन चुका है। बीते 10 वर्षों से जितना इस विश्वविद्यालय का कबाड़ा हुआ है, प्रदेश के किसी अन्य विश्वविद्यालय का नही हुआ है।' रवि ने कहा कि 'साल 2018 में कांग्रेस सरकार आने के बाद 20 प्रोफेसर, अधिकारी और कर्मचारियों पर EOW ने केस दर्ज किया था लेकिन कांग्रेस सरकार के जाते ही एकबार फिर विश्वविद्यालय भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया है।' 

रवि ने विवि प्रशासन पर तंज कसते हुए कहा कि विश्वविद्यालय के कर्मचारी/अधिकारी कुलपति की चरण वंदना में इतने व्यस्त हैं कि विश्वविद्यालय के आधिकारिक फेसबुक पेज पर देश के महामहिम उपराष्ट्रपति का नाम ही गलत लिख दिए। जब पूर्व छात्रों ने इसपर ध्यान आकृष्ट करवाया तब जाकर गलती तो सुधार ली गई, लेकिन कुलपति ने उन पूर्व छात्रों को सोशल मीडिया पर ब्लॉक कर दिया। इससे शर्म की बात क्या हो सकती है।

रवि ने आरोप लगाते हुए कहा कि केजी सुरेश आए दिन विश्वविद्यालय परिसर में आरएसएस और उसके अनुसांगिक संगठनों के कार्यक्रम करवाते हैं। इन कार्यक्रमों में विवि का पैसा पानी की तरह बहाया जाता है। जो पैसा छात्रों की बेहतरी में खर्च होने चाहिए वो संघ के पदाधिकारियों को खुश करने में लगाया जा रहा है। पिछले महीने ही एक निजी कॉलेज में संघ का कार्यक्रम हुआ था, जिसमें फोटोग्राफी के लिए स्टूडियो विभाग से कैमरे बिना लिखित अनुमति के भेजे गए थे। 

प्रदर्शनकारियों ने अल्टीमेटम देते हुए कहा कि आज हम गांधीवादी तरीके से विश्वविद्यालय प्रशासन को चेतावनी देने आए हैं। केजी सुरेश के पास अभी भी वक्त है संभल जाएं, वरना NSUI छात्रहित मे उग्र प्रदर्शन करेगी और इसके जिम्मेदार वे स्वयं होंगे। बता दें कि प्रदेशभर के युवा अपनी नौकरी और सरकारी संस्थानों में घटते जा रहे अपने भविष्य के स्कोप को लेकर जगह-जगह प्रदर्शन कर रहे हैं। पिछले 6 दिनों से इंदौर के युवाओं का प्रदर्शन ज़ोर पकड़ रहा है। अब भोपाल में भी एमसीयू भर्ती प्रकिया में हुई धांधली से नाराज़ युवाओं ने मोर्चा खोल दिया है।