कांग्रेस की सरकार बनते ही पंचायतों को सारे अधिकार दिए जाएंगे, प्रदर्शनकारी जनपद सदस्यों से बोले दिग्विजय सिंह

शिवराज सरकार के खिलाफ मध्य प्रदेश के जनपद सदस्यों ने खोला मोर्चा, भोपाल स्थित दिग्विजय सिंह के बंगले के बाहर धरने पर बैठे, पूर्व सीएम बोले- सरकार बनते ही जनपद सदस्यों को सारे अधिकार दिए जाएंगे, ये हमारी जवाबदारी है।

Updated: Apr 25, 2023, 04:24 PM IST

भोपाल। चुनावी साल में मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार एक साथ कई मोर्चों पर विरोध झेल रही है। संविदा स्वास्थ्य कर्मियों, चयनित शिक्षकों, अतिथि शिक्षकों, सरपंचों के बाद अब प्रदेशभर के निर्वाचित जनपद सदस्यों ने भी राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सैंकड़ों की संख्या में प्रदेशभर से आए निर्वाचित जनपद सदस्य भोपाल में प्रदर्शन कर रहे हैं। आंबेडकर पार्क में धरने पर बैठे जनपद सदस्यों को पुलिस ने बलपूर्वक खदेड़ा तो वे टेंट तंबू लगाकर पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के बंगले के बाहर धरने पर बैठ गए। सिंह ने यहां प्रदर्शन कर रहे जनपद सदस्यों से कहा कि सरकार बनते ही जनपद सदस्यों को सारे अधिकार दिए जाएंगे, ये हमारी जवाबदारी है।

दरअसल, जनपद सदस्य भोपाल के आंबेडकर पार्क में प्रदर्शन कर रहे थे। हालांकि, पुलिस ने उन्हें यहां से खदेड़ दिया। इतना ही नहीं पुलिस महिला सदस्यों को वैन में बिठाकर जंगलों में छोड़ आई। पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह को जब इस बात की जानकारी मिली तो उन्होंने जनपद सदस्यों से कहा कि आप मेरे घर के बाहर धरने पर बैठ सकते हैं। ऐसे में मंगलवार को सभी लोग सिंह के बंगले के बाहर धरने पर बैठे। दिग्विजय सिंह ने प्रदर्शनकारी सदस्यों से कहा कि, 'पुलिस ने जो आपके साथ बर्ताव किया, वो शर्मनाक है। पुलिस ने महिलाओं को जंगल में छोड़ दिया। बच्चे बिलखते रहे, इससे ज्यादा अमानवीय क्या हो सकता है? आप संकल्प लें की हमें भाजपा को हराकर कांग्रेस की सरकार बनानी है। कांग्रेस ही आपको अधिकार दे सकती है।' 

सिंह ने उनसे अपील करते हुए कहा, 'आप यह प्रदर्शन स्थगित करें और अपने गांव जाएं। हमें लड़ाई वहां लड़ना है। हम वादा करते हैं कि आपकी मानगों का घोषणापत्र में उल्लेख किया जाएगा और सरकार बनते ही पंचायत प्रतिनिधियों को सारे अधिकार दिए जाएंगे। ये हमारी जवाबदारी है। भाजपा सरकार लोगों को धोखा दे रही है। आपके अधिकारों का हनन कर रही है। हम पंचायती राज को कभी समाप्त नहीं होने देंगे। जो महात्मा गांधी और राजीव का सपना था... हम उसे पूरा करेंगे। कांग्रेस की सरकार बनते ही 6 महीने के भीतर आपको सारे अधिकार दिए जाएंगे।'

इस दौरान प्रांतीय जनपन सदस्य संघ के प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र चौधरी ने कहा, 'गांधीजी ने "ग्राम स्वराज" की परिकल्पना भारत के प्रत्येक गांव को स्वतंत्र और आत्मनिर्भर बनाने के लिए किया था। उनका मानना था कि अगर गाँव नष्ट हो गये तो हिंदुस्तान भी नष्ट हो जायेगा, क्योंकि हिंदुस्तान की असली पहचान भारत के गाँव ही हैं। इसलिए गाँवों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए गाँधी जी ने पंचायती राज व्यवस्था पर जोर दिया था। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने गांधी जी के सपने को साकार करते हुए पंचायती राज व्यवस्था लागू किया।"

चौधरी ने आगे कहा, 'मध्य प्रदेश में दिग्विजय सिंह की सरकार ने पंचायत प्रतिनिधियों को अधिकार दिए थे। उन्होंने ग्राम पंचायतों को मजबूती दी। लेकिन प्रदेश में भाजपा की सरकार आते ही ग्राम पंचायतों के सारे अधिकार छीन लिए गए। शिवराज सरकार ग्राम स्वराज की परिकल्पना के खिलाफ है। हम सभी निर्वाचित प्रतिनिधि एकजुट होकर शिवराज सरकार का विरोध करेंगे। पंचायती राज को बचाने के लिए आगामी चुनाव में हम बीजेपी को सत्ता से हटाकर कांग्रेस की सरकार लाएंगे।'

जनपद सदस्यों की प्रमुख मांगें

1. पंचायती राज अधिनियम एक्ट 1993 में जनपद सदस्यों को जो अधिकार दिया गया था वही अधिकार पुनः दिया जाये।
2. जनपद सदस्य की राशि टाईड, अनटाईड से मुक्त कर परफारमेंस की राशि के रूप में 25 लाख रुपए समान रूप से हर सदस्यों को दिये जाएं। 
3. जनपद सदस्यों को जनपद के वार्ड में विकास हेतु सालाना विकास निधि कम से कम 50 लाख रूपये दिया जाएं।
4. जनपद सदस्यों के क्षेत्र में जो भी निर्माण कार्य स्वीकृत हो उसकी सूचना जनपद सदस्य को होनी चाहिये व तकनीकी स्वीकृति यानी टी.एस. जनपद सदस्य की अनुशंसा से हो।
5. जनपद सदस्यों का मानदेय वर्तमान में 1500/-रु. है उसको बढ़ा करके 25000/- रू. किया जाये।
6. जनपद सदस्य के क्षेत्र में बड़े निर्माण कार्य यानी 25 लाख के ऊपर के निर्माण एजेंसी जनपद सदस्य व जनपद के सी.ई.ओ. का संयुक्त खाता से निर्माण कार्य का संचालन हो, क्योंकि तकनीकी अधिकारी का अमला जनपद में पदस्थ है तो कोई कठिनाई नही होगी।
7. जनपद सदस्य को अपने क्षेत्र के विकास हेतु एवं जनता जर्नादन के कार्य हेतु आये दिन जनपद, जिला, संभाग और राजधानी आना-जाना पडता है। वाहन भत्ता कम से कम 15 हजार रुपए महीना हो।
8. जनपद क्षेत्र के अन्तर्गत जितने कर्मचारी /अधिकारी आते हैं, तो जनपद सदस्य के अनुशंसा से ही उनके वेतन का आहरण हो ।
9. जिस तरह से माननीय सांसद व माननीय विधायक के द्वारा स्वेच्छानुदान राशि दी जाती है, उसी प्रकार से जनपद सदस्यों को भी कम से कम 1 लाख रुपए सालाना दिया जाए।