कांग्रेस सरकार बनते ही पूरी होगी पटवारियों की मांग, कमलनाथ ने दिया ग्रेड पे बढ़ाने का वचन

पीसीसी चीफ ने पटवारियों को वचन देते हुए कहा कि अब पटवारी परेशान ना हों, सिर्फ 3 महीने की बात है। उसके बाद तो कांग्रेस की सरकार बनेगी, तो पहला आदेश पटवारियों का ग्रेड पे 2800 रुपए करने का करूंगा।

Updated: Sep 09, 2023, 06:43 PM IST

छिंदवाड़ा। विधानसभा चुनाव से पूर्व मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार सभी मोर्चों पर विरोध झेल रही है।
प्रदेश के पटवारियों अपनी मांगों को लेकर सभी जिलों में प्रदर्शन कर रहे हैं। हालांकि, सरकार उनकी बात सुनने को तैयार नहीं है। ऐसे में अब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने पटवारियों से कहा कि बस तीन महीने का इंतजार है। सरकार बनते ही सबसे पहले आपका ग्रेड पे बढ़ाया जाएगा।

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ छिंदवाड़ा में पटवारियों के धरना स्थल पर पहुंचे थे। यहां पटवारियों द्वारा ग्रेड पे 2800 रुपए किए जाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया जा रहा था। प्रदर्शन के बीच कमलनाथ मौके पर पहुंचे और कहा कि मुझे आश्चर्य होता है कि पटवारियों की ये बेसिक मांग है, जिसे पूरा करने में सरकार को कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए। बावजूद इनकी मांगें नहीं मानी जा रही हैं।

पीसीसी चीफ ने पटवारियों को वचन देते हुए कहा कि अब पटवारी परेशान ना हों, सिर्फ 3 महीने की बात है। उसके बाद तो कांग्रेस की सरकार बनेगी, तो पहला आदेश पटवारियों का ग्रेड पे 2800 रुपए करने का करूंगा। 25 साल से संघर्षरत पटवारियों की समस्या तीन महीने के बाद ख़त्म होगी। कमलनाथ ने इस दौरान यह भी कहा कि कांग्रेस की सरकार बनते ही मध्य प्रदेश में ओल्ड पेंशन स्कीम लागू होगी।

पीसीसी चीफ कमलनाथ ने इस दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर निशाना साधते हुए कहा कि वे डबल घोषणावीर मुख्यमंत्री हो गए हैं। उनकी झूठी घोषणाओं की मशीन डबल स्पीड से चल रही है। प्रदेश की मौजूदा सरकार सिर्फ़ घोटालेबाज़ों के साथ है। शिवराज सरकार ने प्रदेश को तीन लाख तीस हज़ार के कर्ज़े में धकेल दिया है। कांग्रेस की सरकार आते ही मध्य प्रदेश के प्रत्येक अधिकारी कर्मचारी को उसका हक़ मिलेगा। 

बता दें कि प्रदेश के पटवारी विगत 13 दिनों से प्रदेशभर में ज़िला मुख्यालयों पर प्रदर्शन कर रहे हैं। जिले में पटवारियों की हड़ताल होने के कारण किसानों के कार्य प्रभावित हो रहे हैं। पटवारियों ने अपना काम बंद कर दिया है, जिस कारण ग्रामीण और किसान परेशान हो रहे हैं। जमीनों की निपती के साथ सर्वे के कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं।