धार में आज हुंकार भरेंगी प्रियंका गांधी, जनसभा की तैयारियों का जायजा लेने पहुंचे दिग्विजय सिंह

विधानसभा चुनाव के लिहाज से प्रियंका गांधी का आदिवासी बाहुल्य धार जिले का दौरा बेहद अहम माना जा रहा है। मध्य प्रदेश में आदिवासी वोटर्स काफी निर्णायक भूमिका में है और बिना उनके सत्ता पर काबिज होना मुश्किल है।

Updated: Oct 05, 2023, 02:47 AM IST

धार। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस मालवा-निमाड़ इलाके पर खास फोकस कर रही है। राहुल गांधी के कालापीपल दौरे के बाद अब प्रियंका गांधी गुरुवार को मालवा क्षेत्र में पहुंच रही हैं। प्रियंका गांधी धार जिले के मोहनखेड़ा से हुंकार भरेंगी। प्रियंका गांधी की जनसभा की तैयारियों का जायजा लेने पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह और प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला बुधवार को धार पहुंचे। 

पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने सभास्थल पर तैयारियों का निरीक्षण किया और पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठक भी की। जानकारी के मुताबिक प्रियंका गांधी गुरुवार सुबह 9.15 बजेेे नई दिल्ली से विशेष वायुयान से प्रस्थान कर 10.45 बजे इंदौर एयरपोर्ट पहुंचेंगी। वह 11 बजे इंदौर से धार जिले के मोहनखेड़ा के लिए रवाना होंगी और 11.30 बजे मोहनखेड़ा पहुंचेंगी। यहां वे 11.40 बजे जैन तीर्थ स्थल का दर्शन एवं तीर्थ स्थल के ट्रस्टी प्रतिनिधियों द्वारा आयोजित स्वागत समारोह में शामिल होंगी। प्रियंका गांधी मोहनखेड़ा में ही दोपहर 12.10 बजे आदिवासी जननायक अमर शहीद टंट्या मामा की प्रतिमा के अनावरण कार्यक्रम में शामिल होंगी। वहीं, दोपहर 12.20 बजे मोहनखेड़ा में कांग्रेस की विशाल जनसभा को संबोधित करेंगी। 

प्रियंका गांधी दोपहर 13.45 बजे मोहनखेड़ा से इंदौर के लिए रवाना होगी और वहां से दिल्ली के लिए प्रस्थान करेंगी। विगत दिनों में मप्र में प्रियंका गांधी का जबलपुर और ग्वालियर के बाद यह तीसरा दौरा होगा। पहले दो दौरों में मिले अपार जनसमर्थन को देखते हुए प्रियंका गांधी लगातार मध्य प्रदेश के दौरे कर रही हैं। कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र राजपुत ने कहा कि भाजपा, पीएम मोदी और सीएम शिवराज सिंह चौहान जनता के सामने झूठ, छल, प्रपंच और खोखले वादे परोस रहे हैं। जिनका खुलासा कल आयोजित कांग्रेस की जनसभा में होगा। 

विधानसभा चुनाव के लिहाज से प्रियंका गांधी का आदिवासी बाहुल्य धार जिले का दौरा बेहद अहम माना जा रहा है। मध्य प्रदेश में आदिवासी वोटर्स काफी निर्णायक भूमिका में है और बिना उनके सत्ता पर काबिज होना मुश्किल है। सूबे में कुल 230 सीटों में से 47 सीटें आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित हैं, लेकिन उनका प्रभाव 80 से ज्यादा सीटों पर है। 2018 के चुनाव में आदिवासी वोटरों के छींटकने के चलते ही भाजपा को सत्ता गंवानी पड़ गई थी। पिछले चुनाव में 47 में से 30 सीटें कांग्रेस ने जीती और 16 सीटें बीजेपी के खाते में गईं जबकि एक सीट निर्दलीय के खाते में गई थी। 

आदिवासी समुदाय एमपी में मालवा-निमाड़ में सबसे अहम माने जाते हैं।।आदिवासी समुदाय के लिए सुरक्षित 47 सीटों में से मालवा-निमाड़ में 22 सीटें है। कांग्रेस की कोशिश मालवा-निमाड़ क्षेत्र की अधिकांश सीटों पर कब्जा जमाने की होगी। पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने बुधवार को ही इंदौर में कहा कि कांग्रेस इसबार मालवा-निमाड़ क्षेत्र में काफी बेहतर प्रदर्शन करेगी।