शंकराचार्य ने पीएम मोदी को बताया गौ-हत्या का एजेंट, कहा- जहां राम, वहां भाजपा का हुआ सफाया

शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद ने कहा कि प्रधानमंत्री के पद तक पहुंचे, लेकिन मर्यादा का ज्ञान नहीं रखते हैं। उन्होंने अमर्यादित ढंग से रामलला के मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की। इस कारण से वे गिर भी रहे हैं।

Updated: Sep 28, 2024, 05:56 PM IST

अंबिकापुर। छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में पुरी पीठ के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला।स्वामी निश्चलानंद ने कहा कि गौ-रक्षा के नाम पर प्रधानमंत्री बने नरेंद्र मोदी आज गौ-हत्या के एजेंट हो गए हैं।

शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद ने कहा कि नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री के पद तक पहुंचे, लेकिन वे मर्यादा का ज्ञान नहीं रखते हैं। उन्होंने अमर्यादित ढंग से रामलला के मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की। इस कारण से वे गिर भी रहे हैं। जहां-जहां राम गए, वहां भाजपा साफ हो गई। भाजपा के लोग पहले मोदी की गारंटी कहते थे, अब नीतीश-नायडू की बैसाखी पर हैं।

शंकराचार्य ने कहा कि नरेंद्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तो उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को कहा था कि प्रधानमंत्री को गौ-हत्या बंद कर देनी चाहिए। अब मोदी भारत के प्रधानमंत्री हैं। अब वे कहते हैं, गौ-रक्षक गुंडे हैं।

स्वामी निश्चलानंद ने कहा कि धर्म परिवर्तन के लिए भी सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म दर्शन, विज्ञान, व्यवहार तीनों से परिपूर्ण है। सेवा के नाम पर हिंदुओं को क्रिश्चयन बनाने का अपराध चल रहा है।

स्वामी निश्चलानंद ने कहा कि विनम्रता के नाम पर अन्याय सहना सहिष्णुता नहीं होती। जो स्वभाव से दुष्ट हैं, उनके विरुद्ध अस्त्र उठाना कोई अपराध नहीं है। देश की सेना, पुलिस लोगों की रक्षा के लिए अस्त्र उठाती है। सनातन का सिद्धांत भी यही कहता है। हम अहिंसा के पक्षधर हैं, लेकिन हिंसा करने वालों पर अस्त्र उपयोग को गलत नहीं मानते।

निश्चलानंद ने मौजूदा राजनीति पर चिंता जताते हुए कहा कि देश में नेताओं का वैचारिक पतन हो रहा है। देश की राजनीति काजल की कोठरी के समान है। देश में किसी की भी दल की सत्ता हो मंदिर, देवस्थान इनके दिशा-निर्देश पर चलते हैं, जबकि धर्मनिरपेक्ष सरकार को धार्मिक मामलों में दखल देने का अधिकार नहीं है।

बेरोजगारी को लेकर स्वामी निश्चलानंद ने कहा कि आधुनिक शिक्षा पद्धति नौकर ही बनाएगा। आज शिक्षित युवाओं को योग्यता के आधार पर नौकरी नहीं मिलती। इससे युवाओं में हताशा और निराशा बढ़ रही है।