महाकुंभ भगदड़ में अबतक 30 श्रद्धालुओं की मौत, 60 घायल, ज्यूडिशियल इंक्वायरी के निर्देश
DIG वैभव कृष्ण ने कहा कि भगदड़ में मरने वालों में यूपी के सबसे ज्यादा 19, कर्नाटक के 4, गुजरात और असम के एक-एक श्रद्धालु की मौत हुई है।

प्रयागराज। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में मंगलवार की आधी रात मची भगदड़ में अबतक 30 लोगों की जान जा चुकी है। 60 गंभीर रूप से घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मृतकों में 25 लोगों की पहचान की गई है। मेला प्रशासन ने भगदड़ के करीब 17 घंटे बाद बुधवार शाम को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके मृतकों और घायलों का आंकड़ा जारी किया है।
हालांकि, मीडिया सूत्रों का दावा है कि कम से कम 40 श्रद्धालुओं को जान गंवानी पड़ी है। दैनिक भास्कर में छपी रिपोर्ट के अनुसार आखिरी डेडबॉडी पर 40 नंबर लिखा था। बहरहाल, शासन की ओर से प्रेस कॉन्फ्रेंस में DIG महाकुंभ नगर मेला क्षेत्र वैभव कृष्ण ने 30 मौतों की पुष्टि की है। जबकि 60 लोगों के भर्ती होने का बताया है।
DIG वैभव कृष्ण ने बताया कि भगदड़ में मरने वालों में यूपी के सबसे ज्यादा 19, कर्नाटक के 4, गुजरात और असम के एक-एक श्रद्धालु की मौत हुई है। उन्होंने कहा कि घाट पर कुछ बैरिकेड्स टूट गए थे, जिसकी वजह से कुछ लोग जमीन पर सो रहे कुछ श्रद्धालुओं पर चढ़ गए। इसके बाद अफरा-तफरी मच गई। उन्होंने बताया कि मेले में कोई वीआईपी प्रोटोकाल नहीं होगा।
वहीं, मेला अधिकारी विजय किरण आनंद ने कहा कि जो श्रद्धालु महाकुंभ में आएं हैं, उन्हें वापस भेजने के लिए काम किया जा रहा है। अब सवाल न करें। उधर, सीएम योगी ने मृतकों के परिजनों को 25-25 लाख का मुआवजा देने का ऐलान किया है।
सीएम योगी ने कहा कि घटना की न्यायिक जांच के लिए हमने तीन सदस्यीय कमेटी गठित की है। जिसमें जस्टिस हर्ष कुमार, पूर्व डीजी वीके गुप्ता और रिटायर्ड आईएएस डीके सिंह की अध्यक्षता में आयोग बनाया गया है। न्यायिक आयोग एक महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपेगा। इस संबंध में मुख्य सचिव और डीजीपी खुद प्रयागराज का दौरा करेंगे।
हादसे के बाद प्रयागराज में एंट्री करने वाले 8 पॉइंट-भदोही, चित्रकूट, कौशांबी, फतेहपुर, प्रतापगढ़, जौनपुर, मिजापुर बॉर्डर को बंद कर दिया गया है। पूरे मेला क्षेत्र को नो-व्हीकल जोन घोषित कर दिया है। सभी व्हीकल पास रद्द कर दिए गए हैं। यानी मेले में एक भी गाड़ी नहीं चलेगी। रास्ते को वन-वे कर दिया गया है। एक रास्ते से आए श्रद्धालुओं को स्नान के बाद दूसरे रास्ते से भेजा जा रहा है। शहर में चार पहिया वाहनों की एंट्री पर रोक लगा दी गई है। मेला क्षेत्र में यह व्यवस्था 4 फरवरी तक लागू रहेगी।