उज्जैन के चरक अस्पताल में मरीज के परिजनों ने मचाया उत्पात, पुलिस की मौजूदगी में ICU में की तोड़फोड़

अस्पताल में उपद्रव और मारपीट होने से कर्मचारी दहशत में है। इसी वजह से मंगलवार सुबह से कर्मचारियों ने काम बंद कर दिया। गुस्साए कर्मचारियों ने कलेक्टरेट जाकर ज्ञापन भी सौंपा।

Updated: May 20, 2025, 06:59 PM IST

उज्जैन। मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित शासकीय चरक चिकित्सालय में देर रात एक मरीज के परिजनों ने जमकर उत्पात मचाया। यहां पर एक बच्ची को उपचार के लिए लाया गया था। जिसे आईसीयू में भर्ती कराया गया था। बच्ची का इलाज ठीक से नहीं करने का आरोप लगाते हुए परिजनों ने हंगामा खड़ा कर दिया। पुलिस की मौजूदगी में अस्पताल में तोड़फोड़ की गई। स्टाफ और डॉक्टर के साथ मारपीट भी की गई। इसका सीसीटीवी वीडियो भी सामने आया है।

जानकारी के मुताबिक विश्व बैंक कालोनी निवासी एक परिवार सोमवार देर रात 14 साल की बच्ची को लेकर चरक अस्पताल आया था। इस बच्ची को चोट लगी थी जिससे उसकी हालत बिगड़ गई थी। डॉक्टरों ने उसे ICU में भर्ती किया लेकिन हालात में सुधार नहीं हुआ। जिसके बाद वहां मौजूद डॉक्टरों ने बच्ची को इंदौर रेफर कर दिया। इसी बात पर उस बच्ची को लाने वाले लोग भड़क गए और उन्होंने अस्पताल स्टॉफ से बदसलूकी शुरू कर दी।

थोड़ी देर बात आक्रोशित युवकों ने ICU में मॉनिटर और उपचार सामग्री में तोड़फोड़ की। चरक अस्पताल मेन गेट के कांच में भी तोड़फोड़ की और कर्मचारियों से भी मारपीट की। आरोप है कि उत्पात करने वालों ने नर्सों से भी अभद्रता की। बाद में सूचना मिलने पर मौके पर कोतवाली पुलिस की टीम पहुंची। पुलिस ने सबसे पहले जो बालिका भर्ती थी उसे दूसरे अस्पताल में भर्ती कराया।

कोतवाली के CSP राहुल देशमुख ने इन आरोपों को खारिज किया कि मौके पर मौजूद पुलिसकर्मी और गार्ड मूकदर्शक बने रहे। उन्होंने कहा कि पुलिस की प्राथमिकता पहले मरीज जो एक छोटी बच्ची थी उसे बेहतर इलाज दिलाने की थी। CSP ने बताया कि दोषियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है और जल्द ही नियमानुसार कार्रवाई होगी।

दूसरी तरफ अस्पताल में उपद्रव और मारपीट होने से कर्मचारी दहशत में है। इसी वजह से मंगलवार सुबह से कर्मचारियों ने काम बंद कर दिया। गुस्साए कर्मचारियों ने कलेक्टरेट जाकर ज्ञापन भी सौंपा। अस्पताल स्टॉफ ने पूरी घटना का CCTV फुटेज जारी कर दावा किया इस पूरी वारदात में अस्पताल के 9 कर्मचारी घायल हुए हैं। उनका कहना है कि जब तक दोषियों पर कार्रवाई नहीं होगी वे काम पर नहीं जाएंगे।