MP के ऑर्गेनिक कॉटन में गड़बड़ी, दिग्विजय सिंह की चिट्ठी पर केंद्रीय मंत्री ने कहा- हम FIR करा रहे

दिग्विजय सिंह ने 27 अगस्त 2024 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को संबोधित एक पत्र लिखा था। इसमें उन्होंने मध्य प्रदेश में ऑर्गेनिक कॉटन घोटाले की जांच कराने का अनुरोध किया था।

Updated: Dec 14, 2024, 04:57 PM IST

नई दिल्ली/भोपाल। केंद्र की मोदी सरकार ने माना है कि मध्य प्रदेश में ऑर्गेनिक कॉटन के प्रमाणीकरण में बड़े स्तर पर गड़बड़ी हुई है। केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने इस संबंध में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को चिट्ठी लिखकर कहा है कि हम FIR करा रहे हैं। दरअसल, दिग्विजय सिंह ने 27 अगस्त 2024 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर प्रदेश में ऑर्गेनिक कॉटन उत्पादकों के फर्जी समूह बनाकर घोटाला का मुद्दा उठाया था।

पीएम मोदी को संबोधित पत्र में पूर्व मुख्यमंत्री ने मध्य प्रदेश में ऑर्गेनिक कॉटन घोटाले की जांच कराने का अनुरोध किया था। केंद्र सरकार की ओर से केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने इस पत्र का जवाब भेजा है। गोयल ने इसमें लिखा है कि एक प्रमाणन निकाय को राष्ट्रीय जैविक उत्पाद कार्यक्रम (NPOP)के विनियमन प्रमाणन प्रक्रिया में गंभीर उल्लंघन के आधार पर एक साल के लिए निलंबित कर दिया है। कुछ दूसरे प्रमाणन निकायों पर कार्रवाई जारी है। उक्त उत्पादक समूह का एनपीओपी के तहत पंजीयन रद्द कर दिया गया।

केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने आगे लिखा है कि इस कार्रवाई के अलावा विभाग ने इस मामले को इंदौर के पुलिस आयुक्त, धार एसपी के सामने भी उठाया और मामले पर संज्ञान लेते हुए एफआईआर दर्ज करने का अनुरोध किया है। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय इस मामले में उचित कार्रवाई जारी रखेगा।

दरअसल, दिग्विजय सिंह ने 27 अगस्त 2024 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को संबोधित एक पत्र लिखा था। इसमें उन्होंने मध्य प्रदेश में ऑर्गेनिक कॉटन घोटाले की जांच कराने का अनुरोध किया था। उन्होंने चिट्ठी में लिखा था कि निमाड़ अंचल में ऑर्गेनिक कॉटन उत्पादकों के फर्जी समूह बनाए गए हैं। इनमें ऐसे गांवों के किसानों के नाम हैं जो न तो ऑर्गेनिक कॉटन का और न ही साधारण बीटी कॉटन का उत्पादन करते हैं। बगैर वैरिफिकेशन ऑर्गेनिक उत्पादन के सर्टिफिकेट जारी किए गए। जांच कराकर दोषी अधिकारियों-कर्मचारियों पर कार्रवाई करें।

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने चिट्ठी में ये भी लिखा था कि यह घोटाला भले ही मध्य प्रदेश से उजागर हुआ हो, लेकिन इसकी जड़ें पूरे देश में फैली हुई हैं। प्रधानमंत्री जी देश भर में ऑर्गेनिक उत्पादों को प्रमाण पत्र देने का काम कर रहे हैं। सभी सर्टिफिकेशन बॉडीज की ओर से जारी सर्टिफिकेट की निष्पक्ष जांच करवाएं।

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बता दें कि मध्य प्रदेश में सिंचित और गैर सिंचित दोनों प्रकार के क्षेत्रों में कपास की खेती की जाती है। यहां 7.06 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में कपास की खेती की जाती है। सरकारी वेबसाइट investindia.gov.in से मिली जानकारी के मुताबिक प्रधानमंत्री कृषि विकास योजना (PKVY) के तहत सरकार की ओर से ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा देने के लिए किसान को प्रति हेक्टेयर 3 साल के लिए 50 हजार रुपए वित्तीय सहायता दी जाती है।