मध्य प्रदेश में अफसरशाही बेलगाम, किसान के पानी मांगने पर एसडीओ ने जड़ा तमाचा
यह प्रशासनिक संवेदनहीनता और क्रूरता की पराकाष्ठा है। स्वतंत्र देश में आखिर किसी नागरिक के साथ इस तरह का व्यवहार कैसे किया जा सकता है?किसान पर अत्याचार करने वालों पर तत्काल सख्त कार्रवाई की जाए: कमलनाथ

सिवनी। मध्य प्रदेश में अफसरशाही बेलगाम है। सिवनी जिले से एक ऐसा ही मामला सामने आया है। यहां जल संसाधन विभाग के एसडीओ ने एक किसान की कॉलर पकड़ी। वहीं दूसरे किसान को कार की डिग्गी में जबरन ठूंसने की कोशिश भी की। अफसर ने किसानों को धमकी देते हुए कहा कि तुम अपनी सीमा में रहना। मैं किसी भी हद तक जाऊंगा। तुम्हारी ऐसी-तैसी कर दूंगा।
मामला जिले के केवलारी क्षेत्र में शनिवार का है। तिलवारा दाई तट नहर के एसडीओ श्रीराम बघेल नहर का निरीक्षण करने पहुंचे थे। स्थानीय किसानों ने उनके सामने सिंचाई की समस्या रखी, तो वे भड़क गए और मारपीट और गाली-गलौज करने लगे। वीडियो सामने आने के बाद आरोपी अफसर को सस्पेंड कर दिया गया है।
घटना का वीडियो भी सामने आया है जिसमें देखा जा सकता है कि आरोपी एसडीओ एक सीधे साधे किसान की कॉलर पकड़कर जबरन अपनी गाड़ी की डिक्की में भर रहा है। किसान उसके सामने हाथ जोड़कर गिड़गिड़ा रहा है। लेकिन साहब रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। अगल बगल और भी लोग दिखाई दे रहे हैं, लेकिन कोई भी किसान को बचाने की कोशिश नहीं कर रहा है।
मध्य प्रदेश का प्रशासन दिन पर दिन किसान विरोधी और संवेदनहीन होता जा रहा है। सिवनी में एक किसान को जानवरों की तरह पड़कर जल संसाधन विभाग के एसडीओ और उनकी टीम कार की डिग्गी में डाल रहे हैं।
— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) February 16, 2025
किसान उसके साथ ऐसा अमानवीय व्यवहार न करने के लिए गिड़गिड़ा रहा है लेकिन उस पर दया करने की… pic.twitter.com/fNOFMhvnAu
मामले पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रतिक्रिया देते हुए आरोपी के खिलाफ मुकदमा करने की मांग की है। कमलनाथ ने ट्वीट किया, 'मध्य प्रदेश का प्रशासन दिन पर दिन किसान विरोधी और संवेदनहीन होता जा रहा है। सिवनी में एक किसान को जानवरों की तरह पड़कर जल संसाधन विभाग के एसडीओ और उनकी टीम कार की डिग्गी में डाल रहे हैं। किसान उसके साथ ऐसा अमानवीय व्यवहार न करने के लिए गिड़गिड़ा रहा है लेकिन उस पर दया करने की बजाय सरकारी अमला हंस रहा है और उसका मजाक उड़ा रहा है।'
कमलनाथ ने आगे लिखा, 'यह प्रशासनिक संवेदनहीनता और क्रूरता की पराकाष्ठा है। स्वतंत्र देश में आखिर किसी नागरिक के साथ इस तरह का व्यवहार कैसे किया जा सकता है? किसान पर अत्याचार करने वालों पर तत्काल सख्त कार्रवाई की जाए और मुकदमा दर्ज कर आपराधिक प्रकरण शुरू किया जाए।'