MP में मनरेगा में काम करने वाले श्रमिकों को नहीं मिली मजदूरी, कमलनाथ ने निर्वाचन आयोग से की भुगतान करने की अपील

आचार संहिता के दौरान भी कर्ज लेने की तैयारी चल रही है। जब लाखों मनरेगा श्रमिकों को उनकी मजदूरी नहीं दी जा सकती तो आखिर यह कर्ज किस चीज के लिए लिया जा रहा है: कमलनाथ

Updated: Oct 27, 2023, 06:58 PM IST

भोपाल। कर्ज में डूबी मध्य प्रदेश सरकार के लिए कर्मचारियों को वेतन देना चुनौती बन गया है। सरकार की फिजूलखर्ची का आलम ये है कि मनरेगा के तहत काम कर वाले मजदूरों को मजदूरी तक नहीं मिल रही है। पूर्व सीएम कमलनाथ ने इसे लेकर मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि शिवराज जी गरीबों के मुंह से निवाला छीनने से बड़ा पाप और कुछ नहीं है।

कमलनाथ ने ट्वीट किया, 'मध्य प्रदेश में करीब 10 हफ्ते से मनरेगा में काम करने वाले श्रमिकों को उनकी मजदूरी नहीं मिली है। त्योहार के मौसम में मजदूरों के साथ इस तरह का व्यवहार अमानवीय है। मैं शिवराज जी से जानना चाहता हूं कि उनकी सरकार लगातार कर्ज लेती रही है और आचार संहिता के दौरान भी कर्ज लेने की तैयारी चल रही है। जब लाखों मनरेगा श्रमिकों को उनकी मजदूरी नहीं दी जा सकती तो आखिर यह कर्ज किस चीज के लिए लिया जा रहा है। शिवराज जी गरीबों के मुंह से निवाला छीनने से बड़ा पाप और कुछ नहीं है। मैं माननीय निर्वाचन आयोग से भी आग्रह करता हूं कि आचार संहिता के बावजूद श्रमिकों की मजदूरी का भुगतान किया जाए, यह उनका अधिकार है।'

बता दें कि त्योहारी सीजन होने के बावजूद कई विभागों में कर्मचारियों को तनख्वाह नहीं मिल पा रहा है। भोपाल नगर निगम में भी कर्मचारियों को वेतन देना बड़ी चुनौती बना हुआ है। इसलिए हर माह इन्हें देरी से वेतन मिलता है। लेकिन इस बार 12 नवंबर को दीपावली है। ऐसे में अधिकारियों और कर्मचारियों को त्योहार से पहले वेतन देना होगा। इसके लिए निगम को करीब 42 करोड़ रुपये का इंतजाम करना होगा। लेकिन इतने फंड का जुगाड़ नहीं होने से आयुक्त की नींद उड़ी हुई है। 

पैसे की किल्लत के कारण एक तरफ डीजल का भुगतान नहीं होने से कचरा वाहनों को ईंधन नहीं मिल रहा। इससे स्वच्छता मिशन प्रभावित हो रहा है तो दूसरी ओर ठेकेदारों का भुगतान रोकने से विकास कार्यों पर असर पड़ रहा है। इधर चुनाव में अधिकारियों और कर्मचारियों की ड्यूटी लगने से राजस्व वसूली भी नहीं हो पा रही है।