किसान आंदोलन का 13वां दिन, हरियाणा में इंटरनेट पर रोक हटी, शुभकरण का नहीं हुआ अंतिम संस्कार

किसान नेता सरवण पंधेर ने कहा है कि हरियाणा की CID के 200 से ज्यादा आदमी जो शंभू और खनौरी बॉर्डर पर आंदोलन में घुसे हुए हैं, ये लोग किसान नेताओं को टारगेट बनाने की फिराक में हैं।

Updated: Feb 25, 2024, 10:10 AM IST

नई दिल्ली। किसान आंदोलन का आज रविवार (25 फरवरी) को 13वां दिन है। पंजाब के हजारों किसान शंभू और खनौरी बॉर्डर पर डटे हुए हैं। उन्होंने दिल्ली कूच का फैसला 29 फरवरी तक टाल दिया है। हालांकि, किसानों का ये भी कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती, तब तक वे घर वापस नहीं जाएंगे।

इधर, हरियाणा के 7 जिलों में मोबाइल इंटरनेट पर लगी रोक हट गई है। अंबाला, कुरुक्षेत्र, कैथल, जींद, हिसार, फतेहाबाद और सिरसा में 11 फरवरी की सुबह 6 बजे से इंटरनेट बंद था। किसान शंभू और खनौरी बॉर्डर पर वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन (WTO) को लेकर एक सम्मेलन करेंगे। इसके द्वारा देशभर के किसानों को जागरूक करने की योजना है। इसमें एक्सपर्ट आकर WTO के नुकसान बताएंगे।

26 फरवरी को किसान गांवों में WTO के पुतले फूंकेंगे। इसके बाद दोपहर करीब 3 बजे बॉर्डर पर भी बड़े पुतले फूंके जाएंगे। किसानों के दिल्ली कूच के मद्देनजर 11 दिन से बंद दिल्ली के टीकरी बॉर्डर और सिंघु बॉर्डर को अस्थायी तौर पर खोल दिया गया है। हालांकि, शुरुआती तौर पर एक साइड की सड़क खोली गई है। 

खनौरी बॉर्डर पर बठिंडा के युवा किसान शुभकरण का अब तक अंतिम संस्कार नहीं हुआ है। पंजाब सरकार ने उसके परिवार को 1 करोड़ मुआवजा और बहन को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की है। किसान संगठनों और परिवार की मांग है कि पंजाब पुलिस शुभकरण की मौत के मामले में हत्या की FIR दर्ज करे।

किसान नेता सरवण पंधेर ने कहा है कि हरियाणा की CID के 200 से ज्यादा आदमी जो शंभू और खनौरी बॉर्डर पर आंदोलन में घुसे हुए हैं, ये लोग किसान नेताओं को टारगेट बनाने की फिराक में हैं। वे नेताओं का एक्सीडेंट करा सकते हैं, या लड़ाई-झगड़ा कर उन पर अटैक भी कर सकते हैं।