एकमुश्त राशन वितरण में गुणवत्ता सुनिश्चित की जाए, पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने प्रमुख सचिव को लिखा पत्र
पिछले साल राशन वितरण के दौरान हरदा सहित अन्य जिलों में विभिन्न अनियमितताएँ सामने आई हैं, जिनमें खाद्यान्न की खराब गुणवत्ता, मात्रा में कटौती, समय पर वितरण न होना और सूचना की पारदर्शिता की कमी जैसी समस्याएँ शामिल हैं: दिग्विजय सिंह

भोपाल। राज्यसभा सांसद एवं मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने प्रमुख सचिव, मध्यप्रदेश शासन, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग को एक पत्र लिखकर एकमुश्त राशन वितरण में गुणवत्ता, पारदर्शिता एवं निगरानी सुनिश्चित करने के लिए अनुरोध किया है।
प्रमुख सचिव को संबोधित इस पत्र में दिग्विजय सिंह ने बताया है कि मध्य प्रदेश शासन द्वारा मानसून को ध्यान में रखते हुए सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत जून, जुलाई एवं अगस्त 2025 माह का राशन एकमुश्त वितरित करने का निर्णय लिया गया है, जो सराहनीय है। इससे वर्षा ऋतु में राशन वितरण में संभावित समस्याओं के कारण हितग्राहियों को होने वाली परेशानियों से राहत मिलेगी।
दिग्विजय सिंह ने बताया है कि विगत वर्ष राशन वितरण के दौरान हरदा सहित अन्य जिलों में विभिन्न अनियमितताएँ सामने आई हैं, जिनमें खाद्यान्न की खराब गुणवत्ता, मात्रा में कटौती, समय पर वितरण न होना और सूचना की पारदर्शिता की कमी जैसी समस्याएँ शामिल हैं। हितग्राहियों को कई स्थानों पर सड़ा हुआ या गुणवत्ता विहीन खाद्यान्न प्राप्त हुआ, जिससे उन्हें भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने प्रमुख सचिव, मध्य प्रदेश शासन, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग से अनुरोध किया है कि उक्त समस्याओं की पुनरावृत्ति रोकने और एकमुश्त राशन वितरण में गुणवत्ता, पारदर्शिता एवं निगरानी सुनिश्चित करने के लिए निम्नलिखित कदम उठाए जाएं:
- वितरण से पूर्व खाद्यान्न की गुणवत्ता की जांच कराई जाए और स्वतंत्र निरीक्षकों को इस प्रक्रिया में सम्मिलित किया जाए।
- उचित मूल्य दुकानों पर औचक निरीक्षण कर अनियमितताओं को रोका जाए।
- हितग्राहियों को टोल-फ्री नंबर या मोबाइल ऐप के माध्यम से शिकायत दर्ज करने की सुविधा दी जाए।
- ग्राम स्तर पर कोटवार, पंचायत सचिव एवं आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से राशन वितरण की जानकारी हितग्राहियों तक पहुँचाई जाए।
- पूर्व में दोषी पाए गए दुकानदारों पर कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
- गरीब एवं जरूरतमंद नागरिकों को सरकारी योजनाओं का लाभ ईमानदारी एवं पारदर्शिता के साथ मिलना चाहिए।