UP Crime: गोंडा में तीन दलित लड़कियों पर केमिकल अटैक, रात को घर में घुसकर हुआ हमला
Crime Against Women: उत्तर प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ अपराध की बढ़ती घटनाओं से योगी सरकार के कामकाज पर उठे गंभीर सवाल

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में दलित लड़कियों के खिलाफ अपराध की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। प्रदेश के गोंडा में बीती रात दलित समुदाय से आने वाली तीन नाबालिग बहनों पर केमिकल से हमला किया गया। केमिकल इतना तेज़ था कि तीनों बहनें बुरी तरह झुलस गई हैं और उनका अस्पताल में इलाज चल रहा है। दिल दहलाने वाली यह वारदात गोंडा जिले के पसका गांव की है।
तीनों नाबालिग बहनों पर केमिकल अटैक बीती रात लगभग ढाई बजे किया गया। उस वक्त वे अपने घर की छत पर सो रही थीं। हादसे में सबसे बड़ी बहन का चेहरा बुरी तरह झुलस गया है और उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। दोनों छोटी बहनों के हाथों पर केमिकल गिरा है। यह भयानक हमला करने वाले शख्स के बारे में अब तक कोई जानकारी सामने नहीं आई है।
गोंडा के पुलिस अधीक्षक शैलेश कुमार पांडे ने एक टीवी चैनल को बताया कि बहनों पर जिस केमिकल से हमला किया गया है, उसकी जांच की जा रही हैं। फॉरेंसिक टीम को घटना स्थल पर जांच के लिए भेज दिया गया है। उन्होंने दावा किया कि तीनों बहनों की हालत अभी ठीक है। मामले की जांच की जा रही है। पुलिस के मुताबिक ऐसा लग रहा है हमला किसी परिचित ने ही किया है। पुलिस का दावा है कि घटना की पूरी तहकीकात करके दोषियों को जल्द से जल्द पकड़ा जाएगा।
लड़कियों के पिता का कहना है कि केमिकल अटैक के वक्त इतने ज़ोर की आवाज़ हुई, मानो सिलेंडर फटा हो। पिता ने कहा कि हमले की शिकार तीनों ही बहनें नाबालिग हैं। उन्होंने कहा कि हमारी गांव में किसी से कोई दुश्मनी नहीं है, इसलिए समझ नहीं आ रहा किसने ऐसा किया।
आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने यूपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि क्या योगी सरकार में बेटियों को जीने का हक़ नहीं है? बलात्कार हो रहा है, गला घोंटा जा रहा है, तेज़ाब फेंका जा रहा है लेकिन आदित्यनाथ जी की पूरी सरकार बेटियों को बचाने के बजाय बलात्कारियों और अपराधियों को बचाने में जुटी है। गुंडों के हौसले बुलंद हैं।
गौरतलब है कि बीते कुछ दिनों से यूपी में महिलाओं के विरुद्ध अपराध की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं और प्रदेश सरकार इन्हें रोकने में नाकाम है।हाथरस की घटना से पहले ही प्रदेश सरकार की साख पर बट्टा लग चुका है। ऐसे में तीन दलित बच्चियों पर केमिकल अटैक की यह वारदात यूपी सरकार के कामकाज पर एक और सवालिया निशान लगा रही है।