बिहार के नए शिक्षा मंत्री मेवालाल चौधरी पर भ्रष्टाचार के आरोप, RJD ने बोला हमला
मेवालाल चौधरी पर सबौर कृषि विश्वविद्यालय के वीसी रहते हुए असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती में धांधली का आरोप है, JDU उन्हें एक बार बाहर भी निकाल चुकी है

पटना। सोमवार को मंत्री पद की शपथ लेने वाले नेताओं में शामिल जेडीयू विधायक मेवालाल चौधरी को नीतीश कैबिनेट में शिक्षा मंत्री की ज़िम्मेदारी दी गई है। मेवालाल चौधरी को मंत्री पद सौंपे जाने पर विवाद खड़ा हो गया है। विपक्षी पार्टी आरजेडी ने मेवालाल चौधरी को मंत्री बनाए जाने को लेकर निशाना साधा है। उन पर सबौर कृषि विश्वविद्यालय के वीसी रहते हुए असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती में धांधली करने का आरोप है।
आरजेडी ने बिहार के नवनियुक्त शिक्षा मंत्री पर ट्विटर पर निशाना साधते हुए कहा है कि जिस भ्रष्टाचारी जेडीयू विधायक को सुशील मोदी खोज रहे थे उसे भ्रष्टाचार के भीष्म पितामह नीतीश कुमार ने मंत्री पद से नवाज़ा। यही है 60 घोटालों के संरक्षणकर्ता नीतीश कुमार का दोहरा चरित्र। यह आदमी कुर्सी के लिए किसी भी स्तर तक गिर सकता है। दरअसल आरजेडी ने अपने ट्विटर हैंडल पर चार वर्ष पहले की एक खबर साझा की है जिसमें सुशील मोदी नीतीश कुमार से विधायक मेवालाल चौधरी को पार्टी से निलंबित करने और उनकी गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं।
जिस भ्रष्टाचारी जेडीयू विधायक को @SushilModi खोज रहे थे उसे भ्रष्टाचार के भीष्म पितामह @NitishKumar ने मंत्री पद से नवाज़ा।
— Rashtriya Janata Dal (@RJDforIndia) November 17, 2020
यही है 60 घोटालों के संरक्षणकर्ता नीतीश कुमार का दोहरा चरित्र। यह आदमी कुर्सी के लिए किसी भी निम्नतम स्तर तक गिर सकता है। pic.twitter.com/HpMb2JfLOr
दरअसल मेवालाल चौधरी 2010 से 2015 तक सबौर कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति थे। इसी दौरान उनके ऊपर भर्ती प्रक्रिया में धांधली करने के आरोप लगे थे। ख़ास बात यह है कि मेवालाल चौधरी को जेडीयू ने पार्टी से बाहर का रास्ता भी दिखा दिया था। लेकिन उन्हीं चौधरी को इस बार मंत्री पद से नवाज़ा गया है।अब भी जेडीयू विधायक मेवालाल चौधरी के खिलाफ आईपीसी की धारा 409, 420, 46,7 468, 471 और 120 बी के तहत भ्रष्टाचार के मुकदमे दर्ज हैं। इनके खिलाफ अभी भागलपुर के एडीजे-1 की अदालत में मामला लंबित है।