मांझी की जीभ काटने पर भाजपा नेता ने किया इनाम का एलान, HAM बोली मां का दूध पिया है तो काटकर दिखाए

जीतन राम मांझी द्वारा पंडितों को लेकर दिए गए बयान पर भाजपा नेता गजेंद्र झा ने एलान किया है कि जो कोई भी व्यक्ति मांझी की जीभ काटकर लाएगा, उसे वे ग्यारह लाख रुपए का इनाम देंगे, वहीं मांझी की पार्टी की ओर से भी चेतावनी देते हुए कहा गया है कि अगर किसी ने मां का दूध पिया है तो वह मांझी की जीभ काटकर दिखाए

Publish: Dec 21, 2021, 07:45 AM IST

पटना। पंडितों को लेकर बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी के बयान पर अब बीजेपी और जीतन राम मांझी की पार्टी आमने सामने आ गई है। भाजपा के नेता गजेंद्र झा ने सार्वजनिक तौर पर मांझी की जीभ काट कर लाने वाले व्यक्ति को ग्यारह लाख रुपए का इनाम देने का एलान किया है। वहीं मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा ने भी पलटवार करते हुए कहा है कि जिस किसी ने भी मां का दूध पिया है, वह मांझी का जीभ काटकर दिखाए। 

मधुबनी से भाजपा के नेता गजेंद्र झा ने मांझी के बयान पर पूर्व सीएम के लिए अमर्यादित भाषा का उपयोग करते हुए कहा कि मैं जीतन राम मांझी से कहना चाहता हूं कि अगर आप ऐसे ही ब्राह्मणों पर आघात करते रहेंगे तो आपको हिंदुस्तान की जमीं भी भागने के लिए कम पड़ जाएगी। 

गजेंद्र झा यहीं नहीं रुके उन्होंने मीडिया से कहा कि मैं आप लोगों के माध्यम से एलान करना चाहता हूं कि कोई भी ब्राह्मण का बेटा जीतन राम मांझी की जीभ काटकर लाएगा, उसे मैं ग्यारह लाख का इनाम दूंगा। इतना ही नहीं गजेंद्र झा ने कहा कि जीतन राम मांझी की हैसियत ग्यारह टके की भी नहीं है।

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भाजपा नेता के इस बयान पर जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रवक्ता दानिश रिज़वान ने भी पलटवार किया है। हम प्रवक्ता ने कहा है कि किसकी मां ने दूध पिलाया है जो जीतन राम मांझी की जीभ काट ले। दानिश रिज़वान ने बीजेपी को चेतवानी देते हुए कहा कि भाजपा अपने नेताओं को संभाले, अन्यथा इसके परिणाम बेहद बुरे होंगे। दानिश रिज़वान ने कहा कि जब जीतन राम मांझी पहले ही अपने बयान पर खेद प्रकट कर चुके हैं, ऐसे में भाजपा नेताओं द्वारा ऐसी अभद्र भाषा का उपयोग सही नहीं है। क्या यह दलितों का अपमान नहीं है? 

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दरअसल जीतन राम मांझी ने हाल ही में पटना में आयोजित एक सम्मेलन में कहा था कि अब निचली जातियों के लोग भी सत्यनारायण भगवान की पूजा करते हैं। लेकिन पंडित लोग उनके यहां सिर्फ दक्षिणा लेकर चले जाते हैं, उनके घर पर खाना नहीं खाते। इस दौरान मांझी ने अपशब्द का उपयोग किया था। हालांकि विवाद बढ़ने के बाद मांझी ने अपने बयान पर खेद प्रकट करने के साथ साथ स्पष्टीकरण भी दिया था कि वे अपने समाज के लोगों को खरी खोटी सुना रहे थे। 

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बीते कुछ दिनों से जीतन राम मांझी का बिहार की सत्ता और सत्तधारी दलों के साथ टकराव बढ़ा है। हाल ही में जीतन राम मांझी ने नीतीश सरकार द्वारा लागू की गई शराबबंदी कानून की असफलता को उजागर करते हुए गरीब लोगों को रात में शराब का सेवन करने की सलाह दे डाली थी। मांझी ने सार्वजनिक तौर पर कहा था कि तमाम आईएएस, आईपीएस, जज सहित रसूखदार लोग खुद रात के दस बजे के बाद शराब का सेवन करते हैं। लेकिन परेशानी में गरीब तबके के लोग पड़ते हैं। इसलिए गरीबों को भी बड़े लोगों की तरह रात के दस बजे के बाद सीमित मात्रा में शराब का सेवन करना चाहिए।