बंगाल विधानसभा चुनाव जीतने वाले बीजेपी के दो सांसदों ने दिया इस्तीफा, टीएमसी का तंज, बीजेपी ने विश्व रिकॉर्ड बना दिया
बीजेपी के निशीथ प्रमाणिक और जगन्नाथ सरकार ने अपनी विधायकी से इस्तीफा दे दिया, इन दोनों सांसदों सहित कुल पांच सांसदों को बीजेपी ने चुनावी रण में उतारा था

कोलकाता। बंगाल फतह करने का बीजेपी का सपना चूर चूर होने के बाद बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले उसके दो सांसदों ने इस्तीफा दे दिया है। विधानसभा चुनाव जीतने वाले बीजेपी के दो सांसद निशीथ प्रमाणिक और जगन्नाथ सरकार ने इस्तीफा दे दिया है। दोनों को ही पश्चिम बंगाल विधानसभा के चुनावी रण में बीजेपी ने उतारा था। दोनों ही चुनाव जीतने में तो कामयाब हो गए, लेकिन पार्टी के सत्ता में न पहुंचने की वजह से दोनों ने विधायकी से इस्तीफा देना ज़्यादा मुनासिब समझा।
दोनों ही बीजेपी सांसदों के इस्तीफे के बाद टीएमसी नेता डेरेक ओ ब्रायन ने तंज कसा है। टीएमसी नेता ने कहा है कि दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी ने शून्य हासिल करने का विश्व कीर्तिमान स्थापित किया है। टीएमसी नेता ने अपने एक ट्वीट में कहा कि बीजेपी ने अपने 4 लोकसभा सांसदों और एक राज्यसभा सदस्य को चुनावी मैदान में उतारा। जिसमें तीन सांसदों को हार नसीब हुई और दो जीत गए। लेकिन अब ये दोनों अपनी विधायकी छोड़ने जा रहे हैं। दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी ने शून्य हासिल करने का विश्व रिकॉर्ड बना डाला है। टीएमसी नेता ने आगे कहा कि एक राष्ट्र और एक चुनाव पर अब आपका क्या कहना है नरेंद्र और अमित?
#BJP fielded 4 sitting LS MPs, incl a Union Min & 1 RS MP for #BengalPolls. 3 lost. 2 won. Now these 2 to quit as MLAsThey were elected last week! World’s largest (sic) party have set a world record for electoral egg on face.
— Derek O'Brien | ডেরেক ও'ব্রায়েন (@derekobrienmp) May 11, 2021
One Nation One Election! What say Narendra, Amit
इस्तीफा देने वाले निशीथ प्रमाणिक कूचबिहार से बीजेपी के सांसद हैं। वे दिनहाटा सीट से चुन कर आए थे। वहीं जगन्नाथ सरकार राणाघाट से बीजेपी के सांसद हैं। वे शांतिपुर से चुनाव जीत कर आए थे। इन दोनों सांसदों के अलावा लोकसभा सांसद बाबुल सुप्रियो और लॉकेट चटर्जी भी चुनाव लड़े और दोनों ही हार गए। वहीं स्वप्न दास गुप्ता राज्यसभा से इस्तीफा देकर चुनाव लड़ने आए थे। लेकिन बीजेपी के अरमानों के साथ साथ उनका भी सपना धरा का धरा रह गया।