MP में स्कूल चलें हम अभियान बेअसर, इस साल 6.70 लाख बच्चों ने शिक्षा से मुंह मोड़ा

आंकड़ों के अनुसार सरकारी स्कूलों में इस साल करीब 4.67 लाख बच्चों ने पढ़ाई छोड़ दी है। पिछले साल 3.99 लाख विद्यार्थियों ने पढ़ाई छोड़ी थी।

Updated: Aug 09, 2025, 02:53 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश के स्कूलों की शैक्षणिक गुणवत्ता सुधारने के लिए लगातार प्रयार हो रहे हैं, लेकिन विद्यार्थियों की संख्या लगातार घटती ही जा रही है। सरकारी व निजी स्कूलों के इस साल 6.70 लाख विद्यार्थियों ने पढ़ाई छोड़ दी है, जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 5.70 लाख था।

आंकड़ों के अनुसार सरकारी स्कूलों में इस साल करीब 4.67 लाख बच्चों ने पढ़ाई छोड़ दी है। पिछले साल 3.99 लाख विद्यार्थियों ने पढ़ाई छोड़ी थी। इसमें निजी स्कूलों के करीब दो लाख विद्यार्थी शामिल हैं।यह आंकड़ा केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के तहत यूनिफाइड डिस्ट्रिक्ट इंफार्मेशन सिस्टम फार एजुकेशन (यूडाईस) रिपोर्ट में सामने आई है।

इसके अनुसार, वर्ष 2024-25 में प्रदेश के सरकारी व निजी स्कूलों में पहली से 12वीं तक में करीब 1.50 करोड़ विद्यार्थियों का पंजीयन हुआ था। वहीं 2025-26 में करीब एक करोड़ 41 हजार बच्चों का 13 जुलाई तक प्रोग्रेसिंग पेंडिंग है। वहीं 6.70 लाख बच्चे ऐसे हैं, जिन्होंने किसी भी स्कूल में प्रवेश नहीं लिया है।

प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पिछले सत्र में 79.75 लाख बच्चों का नामांकन दर्ज हुआ था। इस सत्र में अब तक 53.81 लाख का प्रोग्रेशन पेडिंग है। वहीं 4.67 लाख बच्चों ने किसी भी स्कूल में प्रवेश नहीं लिया है। इसमें सबसे अधिक बड़वानी में 17 हजार, छिंदवाड़ा व छतरपुर में 16 हजार, बालाघाट में 13 हजार, भिंड में 10 हजार, शहरी क्षेत्र ग्वालियर व भोपाल में चार-चार हजार, जबलपुर में छह हजार और इंदौर में 11 हजार विद्यार्थियों ने पढ़ाई छोड़ी।

यह स्थिति तब है, जब मध्यप्रदेश के एजुकेशन सिस्टम को वर्ल्ड क्लास बनाने के दावे किए जा रहे हैं। साउथ कोरिया और दिल्ली जैसे एजुकेशन मॉडल को लागू करने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग के अफसर कई बार देश के अन्य राज्यों ही नहीं, विदेश की यात्राएं भी कर आए हैं। स्कूल शिक्षा विभाग ने जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि विद्यार्थियों के प्रोग्रेशन को पूर्ण करें और ड्रापबाक्स के बच्चों को खोजकर स्कूल में नामांकन कराएं तथा नामांकित विद्यार्थियों का मैपिंग कराएं।