मोरबी पूल हादसा मामले में चार्जशीट दाखिल, ओरेवा के एमडी जयसुख पटेल मुख्य आरोपी, घटना के बाद से है लापता

जयसुख पटेल घटना के बाद से लापता हैं, और गिरफ़्तारी के लिए वारंट पिछले सप्ताह जारी किया गया था। जयसुख पटेल ने 16 जनवरी को गिरफ़्तारी के डर से कोर्ट में अग्रिम ज़मानत की अर्ज़ी दाखिल की थी।

Updated: Jan 27, 2023, 11:17 AM IST

मोरबी। गुजरात के मोरबी में हुए पुल हादसे में 135 लोगों की मौत के लगभग तीन महीने बाद ओरेवा ग्रुप के प्रमोटर तथा अजंता मैन्युफैक्चरिंग लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर जयसुख पटेल का नाम मुख्य आरोपी के तौर पर चार्जशीट में डाला गया है। 1,200 से अधिक पन्नों की चार्जशीट में जयसुख पटेल को गैर इरादतन हत्या का आरोपी बनाया गया है।

जयसुख पटेल घटना के बाद से ही लापता हैं, और गिरफ़्तारी के लिए वारंट पिछले सप्ताह जारी किया गया था। जयसुख पटेल ने 16 जनवरी को गिरफ़्तारी के डर से कोर्ट में अग्रिम ज़मानत की अर्ज़ी दाखिल की थी। 

'अजंता' ब्रान्डनेम से दीवार घड़ियां बनाने के लिए जानी जाने वाली कंपनी ओरेवा ग्रुप को मोरबी में मच्छू नदी पर 100 साल पहले बनाए गए इस पुल का जीर्णोद्धार करने, उसे संचालित करने और रखरखाव करने का ठेका दिया गया था। इसे दोबारा खोले जाने के चार दिन बाद 30 अक्टूबर को यह गिर गया था।

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सरकार द्वारा बनाई गई स्पेशल इन्वेस्टिगेटिंग टीम (SIT) ने ओरेवा ग्रुप द्वारा मरम्मत, रखरखाव और संचालन में कई गड़बड़ियां किए जाने का ज़िक्र किया, जिनमें एक वक्त में पुल पर जाने वालों की तादाद में पाबंदी नहीं लगाया जाना शामिल था। इसके अलावा टिकट की बिक्री पर भी कोई पाबंदी नहीं लगाई गई थी, जिसके चलते पुल पर आने-जाने वालों की तादाद पर कोई रोक नहीं रही।

अब तक, इस केस में नौ लोगों को गिरफ़्तार किया गया है, जिनमें सब-कॉन्ट्रैक्टर, टिकट क्लर्क के तौर पर काम करने दिहाड़ी कामगार तथा सिक्योरिटी गार्ड शामिल हैं। सभी नौ आरोपी न्यायिक हिरासत में हैं, जबकि जयसुख पटेल फरार हैं। जांच में शामिल एक शीर्ष पुलिस अधिकारी के अनुसार, पुलिस को संदेह है कि पटेल ने देश नहीं छोड़ा है।