MSP पर धान व गेहूं की खरीद कम कर रही है सरकार, राज्यसभा में केंद्र पर बरसे दिग्विजय सिंह
दिग्विजय सिंह ने कहा कि नरेंद्र मोदी ने एक तरफ MSP को कानूनी दर्जा देने का वादा किया, लेकिन आज पंजाब-हरियाणा के किसान भूख हड़ताल पर हैं। जबकि, दूसरी तरफ सरकार लगातार MSP पर धान व गेहूं की खरीद कम करती जा रही है।

नई दिल्ली। संसद के बजट सत्र का आज चौथा दिन है। राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव की चर्चा के दौरान कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह केंद्र सरकार पर जमकर बरसे। सिंह ने MSP को लेकर पीएम मोदी पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया।
राज्यसभा सांसद ने सदन को संबोधित करते हुए कहा, 'नरेंद्र मोदी ने एक तरफ MSP को कानूनी दर्जा देने का वादा किया, लेकिन आज पंजाब-हरियाणा के किसान भूख हड़ताल पर हैं। जबकि, दूसरी तरफ सरकार लगातार MSP पर धान व गेहूं की खरीद कम करती जा रही है।'
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सिंह ने आगे कहा, 'साथ-साथ खरीदी में जो राशि खर्च की जा रही है उसमें भी जहां 2021-22 में 79 हजार करोड़ था वह घटकर 70 हजार करोड़ रह गया है।
प्रोक्योरमेंट घटता जा रहा है और लागत बढ़ती जा रही है। दूसरी तरफ इसमें भारी भ्रष्टाचार है। इसलिए मेरा प्रश्न है कि FAQ (Fair Average Quality) तय करने के लिए सर्वेयर की न्यूनतम योग्यता क्या है और क्या उसका पालन हो रहा है?
सिंह ने आगे कहा कि मेरा अनुभव है कि किसान का FAQ रिजेक्ट कर दिया जाता है और रात में वही माल व्यापारी खरीद लेता है, फिर व्यापारी से मंडी में ले लिया जाता है- जो कि भारी भ्रष्टाचार है। इससे पहले दिग्विजय सिंह ने महाकुंभ में हुई भगदड़ को लेकर नियम 267 के तहत स्थगन का नोटिस देकर सदन में चर्चा की मांग की थी।
सिंह ने अपने नोटिस में लिखा था कि इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना में संगम क्षेत्र में 30 श्रद्धालुओं की मृत्यु हो गई और 60 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हुए। हालांकि, हाल ही में सामने आई जानकारियों से यह पता चला है कि कम से कम छह अन्य स्थानों पर भी भगदड़ हुई, जिससे वास्तविक मृतकों की संख्या और सरकार द्वारा दी गई जानकारी की पारदर्शिता पर गंभीर प्रश्न उठते हैं। कई प्रमुख संतों, विशेष रूप से शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद जी महाराज ने प्रशासन से कुंभ मेले में अव्यवस्था और घटना के सही आंकड़ों की अनुपलब्धता पर सवाल उठाए हैं।