अचानक सुरक्षा व्यवस्था ध्वस्त हो गई, टनल से आगे पुलिसकर्मी दिखे ही नहीं: सुरक्षा चूक पर बोले राहुल गांधी

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा, "सुरक्षा कारणों से, हमें यात्रा को अस्थायी रूप से रोकना पड़ा। क्योंकि स्वीकृत यात्रा मार्ग पर सुरक्षा नहीं थी। हम अपने नेता को ऐसे आगे बढ़ने नहीं दे सकते थे। बाकी भारत यात्री पैदल आए।"

Updated: Jan 27, 2023, 10:23 AM IST

जम्मू कश्मीर। जम्मू-कश्मीर के काजीगुंड में एंट्री के सिर्फ एक किलोमीटर बाद ही राहुल गांधी की सुरक्षा में बड़ी चूक सामने आई। यहां राहुल के सुरक्षा घेरे में कई लोग घुस आए थे। इसके बाद पुलिस राहुल गांधी और उमर अब्दुल्ला को गाड़ी में बैठाकर अनंतनाग ले गई। अनंतनाग में राहुल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि आज यात्रा के दौरान अचानक सुरक्षा व्यवस्था ध्वस्त हो गई थी।

राहुल गांधी ने अनंतनाग में एक संक्षिप्त प्रेस कांफ्रेंस कर कहा, "आज यात्रा के दौरान पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था ध्वस्त हो गई। टनल से निकलने के बाद पुलिसकर्मी नहीं दिखे। मेरे सुरक्षा डीटेल ने कहा कि हम और नहीं चल सकते। मुझे अपनी यात्रा रोकनी पड़ी। बाकी लोग यात्रा कर रहे थे। भीड़ को काबू करना प्रशासन की जिम्मेदारी है। मुझे नहीं मालूम ऐसा क्यों हुआ, लेकिन कल और परसो ये नहीं होना चाहिए।"

इससे पहले कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने ट्वीट कर बताया, "यहां संबंधित एजेंसियों ने सुरक्षा व्यवस्था को दुरुस्त नहीं किया है। पिछले 15 मिनट से यहां भारत जोड़ो यात्रा के साथ कोई सुरक्षा अधिकारी नहीं है। यह एक गंभीर चूक है। राहुल गांधी और अन्य यात्री बिना किसी सुरक्षा के नहीं चल सकते।"

अनंतनाग में मीडिया को संबोधित करते हुए जयराम रमेश ने कहा कि राहुल गांधी अंत तक पैदल ही चलना चाहते थे। लेकिन उनके सुरक्षा सलाहकार इसके लिए राजी नहीं हुए। टनल से निकलने के बाद कोई सुरक्षा नहीं थी। हम एक घंटे तक रुक कर इंतजार करते रहे कि पुलिसकर्मी आएंगे लेकिन कोई नहीं आया। हम अपने नेता को घाटी में ऐसे नहीं चलने दे सकते थे। उनके मना करने के बाद भी उन्हें गाड़ी से अनंतनाग तक भेजा गया। बाकी भारत यात्री 12 किलोमीटर पैदल चलकर आए।

बता दें कि राहुल गांधी को शुक्रवार को 11 किलोमीटर पैदल चलना था, लेकिन मुश्किल से 500 मीटर चलने के बाद सुरक्षा कारणों से उन्हें रुकना पड़ा। जम्मू कश्मीर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम अहमद मीर ने कहा कि हम पिछले कई दिनों से सुरक्षा को लेकर बैठक कर रहे थे। सुरक्षा अधिकारियों को मैं निजी तौर पर भी जानता हूं। सबने सुरक्षा सुनिश्चित करने का वादा किया था। लेकिन अचानक आज क्या हो गया? कल शाम तक सब ठीक था। उन्होंने आशंका जताते हुए कहा कि शीर्ष अधिकारियों को जरूर बड़े स्तर पर सुरक्षा में कटौती के आदेश दिए गए होंगे क्योंकि यह काम अधिकारी स्तर पर नहीं किया जा सकता। उन्होंने यह भी कहा कि पहले भी पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और राजीव गांधी की हत्या के रूप में हमारा बहुत नुकसान हो चुका है। इसलिए हमारे लीडर को सुरक्षित रखना हमारी प्राथमिकता थी।