कोरोना ने मोदी को छोटा बनाया, बिगड़े हालातों पर ब्रिटिश अखबार ने की PM की आलोचना

ब्रिटिश अखबार फाइनेंशियल टाइम्स ने अपने एक आर्टिकल में लिखा है कि, भारतीय लोगों को अब लगने लगा है कि संकट के बीच मोदी ने उन्हें अकेला छोड़ दिया

Updated: May 14, 2021, 09:25 AM IST

Photo Courtesy: The Indian Express
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नई दिल्ली। भारत में कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने भयंकर तबाही मचाई है। कोरोना संकट के इस दौर में विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार के खिलाफ आक्रमक रुख अख्तियार कर लिया है। इतना ही नहीं विदेशी मीडिया भी इस स्थिति के लिए मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। कई देशों के बड़े मीडिया संस्थानों ने लिखा है कि मोदी ने अक्षम्य अपराध किया है। इसी बीच अब ब्रिटिश अखबार फाइनेंशियल टाइम्स ने भी कोरोना संकट से निपटने में मोदी सरकार की तैयारियों की तीखी आलोचना की है।

फाइनेंशियल टाइम्स ने अपने 2300 शब्दों के हालिया प्रकाशित आर्टिकल का हेडिंग दिया है, 'कैसे भारत के कोरोना संकट ने नरेंद्र मोदी को छोटा बना दिया।' इस लेख में फाइनेंशियल टाइम्स ने लिखा, 'कई भारतीयों को अब लगने लगा है कि उनके नेता ने सभी चेतावनियों को नजरअंदाज कर दिया और संकट बढ़ने पर उन्हें अकेला छोड़ दिया। अखबार में भारत के कई नागरिकों का बयान भी छापा गया है, जो इस संकट काल में परेशानियों का सामना कर रहे हैं।

हाल ही में अपने पिता को खोने वाली अनार्या कहती हैं कि, 'यह आम लोगों के बस की बात नहीं है की वह जाकर ऑक्सीजन ढूंढे, दवा ढूंढे, बेड्स का प्रबंध करने के लिए दिनभर इस अस्पताल से उस अस्पताल तक भटकते रहे। यह नहीं होना चाहिए था। हमारा काम टैक्स भरना है। मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था करना पूरी तरह से सरकार का काम है। यह एक आपराधिक लापरवाही है।' अखबार ने अनार्या के अलावा भी कई अन्य लोगों से बात की है, जिन्होंने सरकार को भला-बुरा कहा है।

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केंद्र सरकार के खिलाफ लोगों के इस गुस्से को फाइनेंशियल टाइम्स ने नरेंद्र मोदी के कवच में पहला दरार बताया है। अखबार ने लिखा कि, 'जो कुछ हफ्तों पहले तक अपराजेय दिख रहे थे, वह मोदी अब एक छोटी शख्सियत दिख रहे हैं। अखबार ने यह भी लिखा कि मोदी सिर्फ कोरोना से निपटने में नाकाम साबित नहीं हुए हैं, बल्कि नौकरी देने, अर्थव्यवस्था को गति देने, प्रशासनिक क्षमता बढ़ाने और वैश्विक पटल पर भारत के कद को बढ़ाने के जो उन्होंने वादे किए थे उसे भी पूरा नहीं कर पाए हैं। 

भारत के राजनीतिक भविष्य को लेकर अखबार ने लिखा है कि, 'पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की प्रचंड जीत के बाद क्षेत्रीय पार्टीयों का आत्मविश्वास और बढ़ा है। टीएमसी चीफ ने हाल ही में हुए बंगाल विधानसभा चुनाव में बीजेपी के मशीनरी का पूरी ताकत से सामना किया और जीतने में सफल हुईं।'