देश में बिक रही 10 दवाओं में जानलेवा केमिकल, हार्ट अटैक एवं किडनी फेल होने का बन सकता है कारण
ये वही घातक केमिकल हैं, जिसकी वजह से बीते कुछ सालों में गाम्बिया, उज्बेकिस्तान और कैमरून सहित कई देशों में 140 से ज्यादा बच्चों की मौत हो चुकी है।

नई दिल्ली। भारत में कई जानलेवा दवाएं धड़ल्ले से बेची जा रही हैं। हाल में आयी एक रिपोर्ट के मुताबिक देश में बिक रही 10 दवाओं में जानलेवा केमिकल पाया गया है। ये केमिकल्स इतने खतरनाक हैं कि शरीर में जाते ही जहर का काम करते हैं। यह हार्ट अटैक अथवा किडनी फेलियर का कारण बन सकते हैं। बावजूद इन दवाओं को बैन नहीं किया गया है।
सात महीनों में 10 दवाओं की जांच में जानलेवा केमिकल डाई-एथिलीन ग्लाइकोल (डीईजी) और एथिलीन ग्लाइकोल (ईजी) मिला है। सेंट्रल ड्रग स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (सीडीएससीओ) ने अगस्त 2023 से फरवरी 2024 के बीच की गई जांचों में ये नतीजे निकाले हैं। ज्यादा चिंताजनक ये है कि इन 10 दवाओं में 6 बच्चों के कफ सिरप हैं। इनमें कोफवोन एलएस, ग्वाइफेनेसिन सिरप-100, ग्वाइफेनेसिन, सिलप्रो प्लस और कोल्ड आउट के दो बैच शामिल हैं।
ये वही घातक केमिकल हैं, जिससे 1-2 साल में गाम्बिया, उज्बेकिस्तान और कैमरून सहित कई देशों में 140 से ज्यादा बच्चों की मौत हो चुकी है। इस केस में भारतीय फार्मा कंपनी के बनाए कफ सिरप को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। अक्टूबर 22 से अगस्त 23 तक विश्व स्वास्थ्य संगठन ने डीईजी और ईजी की ज्यादा मात्रा पाए जाने के चलते पांच भारतीय कफ सिरप के खिलाफ अलर्ट जारी किया था। अमेरिकी फूड एंड ड्रग अथॉरिटी ने भी भारत के कई उत्पादों को अपनी इम्पोर्ट लिस्ट से हटा दिया है। लेकिन देश में इनपर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।
कांग्रेस ने इसे लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोला है। मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि देश में कई ऐसी दवाएं बिक रही हैं, जो जान तक ले सकती हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के जरिए हुआ यह खुलासा देश के लाखों-करोड़ों परिवारों की नींद उड़ाने के लिए पर्याप्त है। क्या देश में अब सरकार और व्यवस्था जैसे शब्दों का मतलब पूरी तरह से बदल गया है या फिर भाजपा सरकार ने आंखें बंद कर ली हैं। जन-जन यह जानना चाहता है?