दिवाली से पहले जहरीली हुई दिल्ली की हवा, कई इलाकों में AQI 400 पार, सांस लेना हुआ मुश्किल
दिवाली के पर्व के पहले राजधानी दिल्ली की हवा बेहद ही बदतर हो चुकी है। शहर के कई इलाकों में AQI 400 के पार पहुंच चुका है। हवा की गुणवत्ता इतनी खराब होने से लोगों को सांस लेने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर एक बार फिर सीमा पार पहुंच गया है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के मुताबिक, रविवार सुबह 7 बजे तक दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 273 दर्ज किया गया जो बहुत खराब श्रेणी में आता है। यह साफ संकेत है कि राजधानी की हवा अब एक बार फिर फेफड़ों पर भारी पड़ने लगी है।
दिल्ली के कई प्रमुख इलाकों, इंडिया गेट, कर्तव्य पथ, लाल किला और कनॉट प्लेस में भी हवा की गुणवत्ता चिंताजनक स्तर पर पहुंच गई है। राजधानी के नौ इलाकों में एक्यूआई 300 से 400 के बीच दर्ज किया गया जो गंभीर श्रेणी की तरफ इशारा करता है। सबसे खराब स्थिति अक्षरधाम (426) और आनंद विहार (415) में रही जहां सुबह के समय हवा का स्तर गंभीर श्रेणी को पार कर गया। इसके अलावा बवाना में 303, वजीरपुर में 361, विवेक विहार में 358, अशोक विहार में 304, जहांगीरपुरी में 314, नेहरू नगर में 310, द्वारका में 327, सीरी फोर्ट में 317 और आरके पुरम में एक्यूआई 322 दर्ज किया गया। दिल्ली के अन्य अधिकांश इलाकों में एक्यूआई 200 से 300 के बीच रहा जो खराब श्रेणी में आता है।
राजधानी के साथ-साथ एनसीआर के शहरों में भी हालात बेहतर नहीं हैं। फरीदाबाद में एक्यूआई 158, नोएडा में 158, गाजियाबाद में 173, ग्रेटर नोएडा में 172 और गुरुग्राम में 187 दर्ज किया गया। भले ही ये आंकड़े दिल्ली से कुछ कम हैं लेकिन फिर भी ये हवा की मध्यम से खराब श्रेणी को दर्शाते हैं जो लोगों के स्वास्थ्य पर काफी खराब असर डाल सकते हैं।
विशेषज्ञों के मुताबिक, राजधानी में बढ़ते वाहन, निर्माण कार्य, पराली जलाना और मौसमी बदलाव इस स्थिति के मुख्य कारण हैं। हवा में नमी बढ़ने से धूल और धुआं निचले स्तर पर जम जाते हैं जिससे लोगों को सांस लेने में दिक्कत बढ़ जाती है।
दिल्ली सरकार और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड हालात पर लगातार नजर रखे हुए हैं। अधिकारियों का कहना है कि अगर स्थिति और बिगड़ी तो ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) के तहत कड़े कदम उठाए जा सकते हैं। इसमें निर्माण गतिविधियों पर रोक, डिजल वाहनों की जांच, और सड़कों पर पानी का छिड़काव करने जैसे उपाय शामिल हो सकते हैं।
CPCB के मानकों के अनुसार, 0 से 50 तक एक्यूआई अच्छा, 51 से 100 तक संतोषजनक, 101 से 200 तक मध्यम, 201 से 300 तक खराब, 301 से 400 तक बहुत खराब, और 401 से 500 तक गंभीर माना जाता है। फिलहाल दिल्ली और आसपास के कई हिस्से बहुत खराब से गंभीर श्रेणी के बीच झूल रहे हैं। यह स्थिति खासतौर पर बच्चों, बुजुर्गों और सांस की बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए बेहद खतरनाक है।