सर्वधर्म समभाव हमारे संविधान का मूल संदेश है, गणतंत्र दिवस पर बोले जीतू पटवारी

पटवारी ने कहा कि हमारे सामने चुनौती है कि जनता कैसे सामूहिक रूप से इस बात का विरोध करें कि चुने हुये सैकड़ों सांसदों को संसद से बाहर कर बिना विमर्श के कानून न बनाए जायें। बहुमत को जनमत के दमन का औजार न बनाया जाये: जीतू पटवारी

Updated: Jan 26, 2025, 01:13 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने आज 26 जनवरी, गणतंत्र दिवस के मौके पर राजधानी भोपाल स्थित प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय के प्रांगण में राष्ट्रीय ध्वज फहराकर सलामी दी। इस दौरान प्रदेश की जनता के नागरिक अधिकारों, समानता के संवैधानिक न्याय के लिए आगे बढ़ने, पूंजी के एकाधिकारवाद, अवसरों की लूट और संगठित झूठ के खिलाफ कमर कसने, साथ मिलकर कदम बढ़ाकर भारत को सच्चे अर्थों में विश्वगुरू बनाने का संदेश किया।

पटवारी ने अपने संदेश में कहा कि मप्र कांग्रेस कमेटी का साझा संकल्प है कि अगला पूरा वर्ष संगठन के सुदृढ़ीकरण पर केंद्रित और एकाग्रचित किया जाये। ब्लॉक, तहसील और जिला इकाइयों का पुनर्गठन हो, कांग्रेस के विचारों और संस्कारों को जन-जन में प्रवाहित करने के लिए हम सभी प्राण-प्रण से निर्णायक प्रयास करें। लोकतांत्रिक परंपराओं, प्रजातांत्रिक मूल्यों और मान्यताओं के बुनियादी ढांचे को न केवल बदलने बल्कि उनकी नींव हिलाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि हमारा प्रदेश कर्ज, क्राइम, करप्शन और कमीशन की गंभीर बीमारीसे जूझ रहा है। सत्ता भ्रष्टाचार से जुड़े संगठित अपराधों को प्रश्रय दे रही है, युवा बेरोजगारी चरम पर है, सरकारी भर्तियों में गड़बड़ियों की प्रामाणिक शिकायतें हैं, हैरान किसान सबसे ज्यादा परेशान है, महिलाएं सरकारी वादाखिलाफी का सबसे बड़ा सबूत है। यही वजह है कि मप्र सरकार के एक साल पूरा होने पर कांग्रेस ने विधानसभा घेराव के माध्यम से सोई हुई भाजपा सरकार को जगाने की पुरजोर कोशिश की गई।

पटवारी ने कहा कि आज का दिन हमारे राष्ट्र निर्माताओं के पुरूषार्थ का दिन है। गुलाम भारत में हमारा भूगोल भी गुलाम था, बिखरे और खंडित भूगोल के कारण ही भारत में 500 ये अधिक छोटे-छोट राज्य थे, स्वतंत्रता के सैनिकों ने राष्ट्र निर्माण के लिए धुनी और मतवाले नेताओं ने एक महान गणराज्य के रूप में आजाद करवाया। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, पं. जवाहरलाल नेहरू, सुभाष चंद्र बोस, सरदार वल्लभ भाई पटेल, लाल बहादुर शास्त्री, बाल गंगाधर तिलक, लाला लाजपत राय, विपिन चंद्रपाल, मोतीलाल नेहरू, सहित देश के तमाम महान नेताओं के आत्मोसर्ग को भी भुलाया नहीं जा सकता, श्रीमती इंदिरा गांधी जी और राजीव गांधी जी का त्याग और बलिदान भी उतना ही स्मरणीय और अनुकरणीय हैै।

पटवारी ने आगे कहा कि आजादी के पहले 30 लाख लोग बंगाल के दूर्भिक्ष में भूख से तड़पकर मौत के आगोश में समा गये थे और गलियां नर कंकालों से भरी पड़ी थीं। अंग्रेजों ने देश को पूरी तरह लूट लिया था। भारत के पास न खाने के लिए गेहूं था, न ही संबल देने के लिए धन। इस विपरीत स्थिति में महान नेताओं ने देश को तरक्की के रास्ते पर बढ़ाया और संकल्प के साथ नव-निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया। पटवारी ने कहा कि हमें गर्व हैं कि कांग्रेस ने 60 साल देश की अथक सेवा की, आईआईटी, आईआईएम, इंजीनियरिंग कॉलेज और लाखों स्कूलें बनवाई, केंद्रीय विद्यालयों, नवोदय स्कूलों से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को मजबूत किया। स्टील प्लांटस, खाद, कार, ट्रक, मोबाइल फोन, इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के कारखाने, बांध, सड़क, अस्पतालों का भी जाल बिछाया, भेल, रेल, गेल, इसरों, भाभा जैसी संस्थाओं से भारत को विश्व में नई पहचान दिलवाई। इंदिरा जी के साहसी नेतृत्व ने ही बांग्लादेश का निर्माण कर भारत की सीमा को एक तरफ से सुरक्षित किया। एक लाख पाकिस्तानी सैनिकों का आत्म समर्पण दुनिया के इतिहास का अकेला कारनामा और हमारी सेना की वीरता का परिणाम है, जिसने भारत माता के मस्तक को दुनिया में सबसे ऊंचा कर दिखाया।

पटवारी ने कहा कि हमारे सामने चुनौती है कि जनता कैसे सामूहिक रूप से इस बात का विरोध करें कि चुने हुए सैकड़ों सांसदों को संसद से बाहर कर बिना विमर्श के कानून न बनाए जायें। बहुमत को जनमत के दमन का औजार न बनाया जाये। स्वतंत्र रूप से काम करने वाली संवैधानिक संस्थाएं पंगु बनाई जा रही हैं। मौलिक अधिकार चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। महंगाई आजीविका पर हमलावर है और बेरोजगारी से करोड़ों नौजवान विवशता का जीवन जी रहे हैं। देश की आर्थिक शक्ति को निजीकरण के माध्यम से पूंजी के एकाधिकार की तरफ धकेला जा रहा है। किसान कर्ज में दबा है और पूंजीपतियों के लाखों करोड़ के कर्जे बट्टेखाते में डाले जा रहे हैं। आम नागरिक को गरीब बनाकर चंद हाथों में देश की पूंजी सीमित की जा रही है।

पटवारी ने कहा कि सर्वधर्म समभाव हमारे संविधान का मूल संदेश है। सभी धर्मों का आदर हमारी संस्कृति है। लेकिन अब देश में एक ऐसी विचारधारा को बढ़ाया जा रहा है, जिसमें एक धर्म, एक पंथ, एक नेता को मजबूत करने की बात की जाती है। समानता की राजनीति, संस्कृति वाले हिंदुस्तान की कल्पना इससे आहत हो रही है। उन्होंने कहा कि बराबरी की इसी विरासत को बचाने के लिए ही आज राहुल गांधी की भारत जोड़ों न्याय यात्रा को देश के करोड़ों लोगों ने उन्हें समर्थन दिया। वहीं मणिपुर की आबादी एक त्रासदायी जीवन जीने के लिए विवश है, महिलाओं की इज्जत सड़कों पर तार-तार हुई, लेकिन इस आग को बुझाने का कोई प्रयास नहीं किया गया।

पटवारी ने अपने संदेश में कहा कि आज सबसे बड़ा सवाल है कि न्याय कहां है? क्या करोड़ों नौजवानों को काम नहीं चाहिए, महिलाओं को सम्मान नहीं चाहिए, किसानों को न्याय नहीं चाहिए? सत्ताधारियों द्वारा संविधान बनाने वाले महापुरूषों का अपमान किया जा रहा है, उत्पीड़न रोकने बनी संस्थाओं को औजार बनाया जा रहा है, दमन और दबाव ही शासन व्यवस्था का औजार बन गए हैं। गरीब और गरीब होता जा रहा है और देश की पूंजी तथा संसाधन गिने चुने लोगों के हाथ में सीमित हो रहे हैं। संपन्न लोग भारत की नागरिकता छोड़ रहे हैं, लुटेरे विदेशों में पनाह ले रहे हैं। भ्रष्टाचार परंपरा बन गया है और हर नागरिक इसका शिकार हो रहा है। मप्र में खुली लूट चल रही है, सरकार के संरक्ष में पनपे तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के पास 50-50 किलो सोना और हजारों करोड़ के गोलमाल की डायरियां तथा नगदी मिल रही है। भाजपा के नेताओं के यहां सैकड़ों करोड़ की राशि पकड़ी जा रही है। पालतू मगरमच्छों पर 20-20 करोड़ रूपये लुटाने वाले भाजपाई विकास के झूठे प्रतीक बन गए हैं।

पटवारी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी का नया कार्यक्रम जय बापू, जय भीम, जय संविधान इसी संघर्ष की मशाल बनकर देश को नई रोशनी दे रहा है और ऐसे अनेक और निरंतर प्रयास ही अब समता और न्याय को आखिरी व्यक्ति तक पहुंचा सकते हैं।