बीजेपी ने संसद के उद्घाटन में नहीं बुलाकर किया था राष्ट्रपति का अपमान, ये हमारी संस्कृति नहीं: खड़गे

खड़गे ने कहा कि कांग्रेस और हमारे नेता कभी भी राष्ट्रपति या किसी भी नागरिक का अपमान नहीं कर सकते हैं। ये हमारी संस्कृति नहीं है। लोकतंत्र के मंदिर और राम मंदिर- दोनों से हमारी मौजूदा राष्ट्रपति और पिछले राष्ट्रपति को बीजेपी ने ही जानबूझकर दूर रखा था।

Updated: Jan 31, 2025, 07:52 PM IST

नई दिल्ली। संसद के जॉइंट सेशन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण के बाद कांग्रेस नेता सोनिया गांधी की एक टिप्पणी पर बीजेपी की ओर से विवाद खड़ा करने की कोशिशों पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पलटवार किया है। खड़गे ने कहा कि राष्ट्रपति का अपमान तो मोदी सरकार ने उसी दिन कर दिया था, जब नई संसद के उद्घाटन समारोह में उन्हें नहीं बुलाया था। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और हमारे नेता कभी भी महामहिम राष्ट्रपति या किसी भी नागरिक का अपमान नहीं कर सकते हैं। ये हमारी संस्कृति नहीं है।

कांग्रेस अध्यक्ष ने शुक्रवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा, 'राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का अपमान तो मोदी सरकार ने उसी दिन कर दिया था जब नई संसद के उद्घाटन समारोह में उन्हें नहीं बुलाया था। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और हमारे नेता कभी भी राष्ट्रपति या किसी भी नागरिक का अपमान नहीं कर सकते हैं। ये हमारी संस्कृति नहीं है। लोकतंत्र के मंदिर और राम मंदिर- दोनों से हमारी मौजूदा राष्ट्रपति और पिछले राष्ट्रपति को बीजेपी ने ही जान बूझकर दूर रखा था।'

खड़गे ने आगे कहा, 'आज आर्थिक सर्वेक्षण ने मोदी सरकार को "सच्चाई का आईना" दिखाया है। अर्थव्यवस्था की दुर्दशा को छिपाने के लिए, बीजेपी नेता और मीडिया का एक अंश, सोनिया गांधी के वाक्यांश को तोड़-मरोड़ रहें हैं। कांग्रेस पार्टी ने हमेशा राष्ट्रपति के पद की मर्यादा का आदर किया है।' उन्होंने आगे कहा, 'बेहद खेद की बात है कि नरेंद्र मोदी सरकार ने महामहिम राष्ट्रपति से BJP के पैम्फलेट जैसा कुछ पढ़वाया। विगत वर्षों में भी राष्ट्रपति जी के अभिभाषण में यह पुनरावृति देखने को मिली है। राष्ट्रपति जी ने अपने अभिभाषण में महाकुंभ का भी जिक्र किया। मैं महाकुंभ की घटना में दिवंगत लोगों को भावपूर्ण श्रद्धांजलि देता हूं और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं। BJP सरकार ने जितना प्रचार और VIP लोगों पर ध्यान दिया, उतना ध्यान अगर महाकुंभ की व्यवस्था पर देते, तो ऐसी घटना नहीं होती।' 

कांग्रेस अध्यक्ष ने आगे कहा कि राष्ट्रपति जी ने अपने अभिभाषण में वही पढ़ा, जो सरकार ने लिखा। इसमें जनता के हित की कोई बात नहीं की गई। इसमें युवाओं, दलितों, बेरोजगारी, महंगाई जैसे मुद्दों पर कोई बात नहीं हुई। इससे पहले प्रियंका गांधी ने भी कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि मीडिया ने उनके बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया। बीजेपी की ओर से माफी की मांग पर उन्होंने कहा कि बीजेपी ने देश को डुबोया है, पहले उसके लिए माफी मांगें।

बता दें कि शुक्रवार को संयुक्त अभिभाषण में हिस्सा लेने के बाद मीडिया के सामने सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी मौजूद थे। तीनों आपस में बात कर रहे थे। इसी दौरान सोनिया गांधी ने राष्ट्रपति के भाषण पर कहा कि इसमें कुछ नया नहीं था। पुरानी चीजों को रिपीट किया गया है। सोनिया ने प्रियंका गांधी की ओर जाते हुए कहा कि लंबा भाषण पढ़ते हुए राष्ट्रपति काफी थक गई थी। वो बड़ी मुश्किल से बोल पा रही थीं। उन्होंने उनसे सहानुभूति जताते हुए ये कहा। सोनिया गांधी की इसी टिप्पणी को राष्ट्रपति का अपमान बताकर बीजेपी विवाद खड़ा करने की कोशिश कर रही है।