पराली जलाने वाले किसानों पर मध्य प्रदेश सरकार का सख्त फैसला, किसान सम्मान निधि और MSP से रहेंगे वंचित
मध्य प्रदेश सरकार ने पराली जलाने वाले किसानों पर सख्त कार्रवाई का फैसला लिया है। ऐसे किसानों की किसान सम्मान निधि की राशि एक साल के लिए रोकी जाएगी और उनकी फसल MSP पर नहीं खरीदी जाएगी।

भोपाल| मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार ने पराली जलाने वाले किसानों के खिलाफ बड़ा कदम उठाया है। राज्य मंत्रिमंडल ने फैसला लिया है कि जो किसान पराली जलाते हैं, उन्हें मिलने वाली किसान सम्मान निधि योजना के तहत दी जाने वाली सालाना 12,000 रुपये की आर्थिक सहायता एक वर्ष के लिए निलंबित कर दी जाएगी। इसके साथ ही ऐसे किसानों की फसल सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर नहीं खरीदेगी।
यह जानकारी राज्य के शहरी विकास और आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद दी। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों को दंडित नहीं करना चाहती, लेकिन पर्यावरण संरक्षण के लिए यह कदम जरूरी है। विजयवर्गीय ने कहा कि पराली जलाने से होने वाला प्रदूषण किसानों और उनके बच्चों को भी नुकसान पहुंचाता है। इसलिए राज्य सरकार ऐसे मामलों पर सख्ती बरतेगी।
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प्रदेश सरकार किसानों को प्रति वर्ष कुल 12,000 रुपये की किसान सम्मान निधि देती है, जिसमें 6,000 रुपये केंद्र सरकार के पीएम-किसान योजना के तहत और 6,000 रुपये राज्य सरकार की ओर से मिलते हैं। पराली जलाने पर अब इस राशि से किसान वंचित हो सकते हैं।
इसके अलावा राज्य मंत्रिमंडल ने सरकारी कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में 5 प्रतिशत की बढ़ोतरी को मंजूरी दी है, जिससे उनका भत्ता केंद्र सरकार के कर्मचारियों के बराबर हो जाएगा। साथ ही कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए नई स्थानांतरण नीति को भी स्वीकृति दी गई है।