Digvijaya Singh: सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में हो मनसुख हिरेन की मौत की जांच, NIA पर भरोसा नहीं

मनसुख हिरेन का शव शुक्रवार को ठाणे के पास मिला, मुकेश अंबानी के घर से पास जिस स्कॉर्पियो से विस्फोटक मिले थे, वो मनसुख की थी

Updated: Mar 06, 2021, 07:40 AM IST

Photo Courtesy: Opindia
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मुंबई। मनसुख हिरेन की मौत की जांच को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने इस मामले की जांच NIA को सौंपने की बीजेपी की मांग का विरोध किया है। उन्होंने इस प्रकरण की जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में कराए जाने की मांग की है। दिग्विजय सिंह ने कुछ पिछले मामलों के उदाहरण देते कहा है कि NIA की जांच भरोसे के लायक नहीं होगी। मनसुख हिरेन का शव शुक्रवार को ठाणे के पास मिला था। उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर से पास जिस स्कॉर्पियो से जिलेटिन की छड़ें मिली थीं, वह मनसुख की ही थी।

मनसुख हिरेन की संदिग्ध मौत के मामले की जांच अभी मुंबई पुलिस कर रही है। लेकिन महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस मनसुख हिरेन की संदेहास्पद मौत के मामले की जांच केंद्र सरकार की एजेंसी NIA को सौंपने की मांग कर रहे हैं। फडणवीस आरोप लगा रहे हैं कि मुंबई पुलिस निष्पक्ष रूप से जांच नहीं कर रही है। दिग्विजय सिंह ने इसी मांग का जवाब देते हुए कहा है कि इस पूरे मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में होनी चाहिए, क्योंकि NIA भी इस मामले की निष्पक्ष जांच करेगी इसकी संभावना नहीं है।

दिग्विजय सिंह ने कहा है कि मनसुख हिरेन की मौत मामले की जांच एनआईए को नहीं सौंपी जानी चाहिए। उन्होंने  लिखा है, "कम से कम मुझे NIA के डायरेक्टर जनरल वाई सी मोदी पर भरोसा नहीं है, जो न सिर्फ नरेंद्र मोदी जी के चहते हैं, बल्कि उन्होंने उन सभी बम ब्लॉस्ट के प्रकरण में, जिनमें संघ के लोग पकड़े गए थे, संघी आरोपियों को राहत दी है। NIA ने निष्पक्ष हो रही जॉंच की धारा ही बदल दी थी।"

दिग्विजय सिंह ने NIA के डीजी वाई सी मोदी के प्रधानमंत्री मोदी से करीबी रिश्तों का जिक्र करते हुए यह भी पूछा है कि "क्या वे हरियाणा के RSS के प्रति समर्पित परिवार से जुड़े हुए हैं? आसाम कॉडर के अधिकारी होते हुए भी अधिकांश समय दिल्ली में ही पदस्थ रहे हैं।"

25 फरवरी को उद्योगपति मुकेश अंबानी के आवास के बाहर एक संदिग्ध स्कॉर्पियो पाई गई थी, जिसमें शक्तिशाली विस्फोटक जिलेटिन की 20 छड़ें बरामद की गई थीं। साथ ही उस गाड़ी से धमकी भरे पत्र भी मिले थे। इस स्कॉर्पियो के मालिक मनसुख हिरेन थे। लेकिन 18 फरवरी को ही उन्होंने अपनी गाड़ी के चोरी होने की शिकायत पुलिस में दर्ज कराई थी। 

मामले की जांच चल ही रही थी कि शुक्रवार को कोलाबा स्ट्रीट के पास मनसुख की लाश मिली। वे गुरुवार रात 9 बजे घर से बाहर निकले थे। अब तक की जांच के आधार पर पुलिस को शक है कि मनसुख हिरेन ने आत्महत्या की है। लेकिन मनसुख का परिवार उनकी हत्या की आशंका जाहिर कर रहा है।