बिहार के बाद MP में मतदाता सूची पर बवाल, एक घर में 50 से अधिक मतदाता, कांग्रेस ने लगाए गंभीर आरोप
बिहार के बाद अब मध्य प्रदेश में भी मतदाता सूची को लेकर विवाद गहराने लगा है। मतदाता सूची में फर्जीवाड़े की आशंका को लेकर कांग्रेस ने गंभीर आरोप लगाए हैं। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा है कि चुनाव को खरीदना, बेचना और हेरफेर करना सरकार की आदत बन गई है।

भोपाल। बिहार के बाद अब मध्य प्रदेश में भी मतदाता सूची को लेकर विवाद गहराने लगा है। मतदाता सूची में फर्जीवाड़े की आशंका को लेकर कांग्रेस ने गंभीर आरोप लगाए हैं। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा है कि चुनाव को खरीदना, बेचना और हेरफेर करना सरकार की आदत बन गई है। मध्य प्रदेश में लोकतंत्र खतरे में है। हर मतदाता सूची का सख्ती से सत्यापन होना चाहिए।
दरअसल, राज्य निर्वाचन आयोग ने कलेक्टरों और जिला निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे उन घरों का भौतिक सत्यापन कराएं, जहां 11 या उससे अधिक मतदाता दर्ज हैं। सत्यापन में 779 ऐसे घरों की पहचान हुई है जहां 50 से ज्यादा मतदाता हैं। ये रिपोर्ट सामने आने के बाद राजनीतिक हलचल तेज हो गई है।
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रिपोर्ट्स के मुताबित प्रदेश के 6 लाख 17 हजार 998 घरों में 13 से 20 के बीच मतदाता हैं। जबकि 49 हजार 998 घरों में वोटर्स के आंकड़े 21 से 30 के बीच दर्ज की गई है। 6151 घरों में यह संख्या 31 से 40 पाई गई है। जबकि 1373 घरों में संख्या 41 से 50 है। वहीं, 779 घरों में संख्या 50 से ज्यादा है। प्रदेश में साल 2027 में निकाय चुनाव होने वाले हैं ऐसे में यह मतदाता सूची सवालों के घेरे में आ गई है।
मामले पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा, 'मेरी विधानसभा में जब मैं चुनाव लड़ा था तो आखरी 2 महीने में 70 हज़ार वोट बढ़े थे, मैंने उसकी शिकायत निर्वाचन आयोग, जिला निर्वाचन आयोग और हाईकोर्ट में भी की बहुत कोशिशों के बाद भी नाम नहीं काटे गए। मैं यह नहीं कह सकता कि मेरा चुनाव का परिणाम उससे प्रभावित हुआ, यह जांच का विषय है। लेकिन इस तरीके से एक घर में सौ-सौ नाम होना यह अपने आप में बताता है कि चुनाव को कैसे खरीदना बेचना और मैनुपुलेट किया जा रहा है। देश में लोकतंत्र खतरे में है।'
इस संबंध में राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव अभिषेक सिंह ने कहा कि सभी जिला कलेक्टरों को हमने पत्र भेजा था। जिसमें 11 या 11 से अधिक घरों का भौतिक सत्यापन कराने के आदेश थे। इन्हें इस समय फर्जी वोटर कहना काफी नहीं होगा। इसमें कई बार विसंगतियां आ जाती है। जिसे अपडेट किया जा रहा है। हो सकता है कि मतदाता सही हो पर गलत एड्रेस दर्ज किया है।