प्रवासी मजदूरों के लिए 'वन नेशन, वन राशन कार्ड'

प्रवासी मजदूरों को किराए पर सस्ते घर की सुविधा भी प्रदान की जाएगी.

Publish: May 15, 2020, 05:53 AM IST

कोरोना वायरस महामारी से लड़ने के लिए केंद्र सरकार द्वारा घोषित किए गए 20 लाख करोड़ रुपये की विस्तृत जानकारी देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा सरकार ‘वन नेशन, वन राशन कार्ड’ अर्थात नेशनल पोर्टिबिलिटी कार्ड्स लाएगी.

वित्त मंत्री ने कहा कि इन कार्डों का प्रयोग देश की किसी भी राशन की दुकान पर हो सकेगा ताकि एक राज्य से दूसरे राज्य जा रहे मजदूरों को परेशानी का सामना ना करना पड़े. वित्त मंत्री ने कहा कि इस योजना को मार्च, 2021 तक पूरी तरह लागू कर दिया जाएगा, वहीं इस साल अगस्त के अंत तक 23 राज्यों में 67 करोड़ लाभार्थियों को ये सुविधा प्रदान कर दी जाएगी.

प्रवासी मजदूरों के लिए और घोषणाएं करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि पिछली घोषणाओं के अलावा सरकार बिना पीडीएस कार्ड वाले प्रत्येक व्यक्ति को दो महीनों के लिए पांच किलो गेहूं या चावल और प्रति परिवार के हिसाब से एक किलो चना प्रदान करेगी. उन्होंने कहा कि यह राज्यों की सहायता से किया जाएगा क्योंकि उन्हें पता होगा कि मजदूर कहां रह रहे हैं. वित्त मंत्री ने कहा कि इससे करीब 8 करोड़ प्रवासी मजदूरों को फायदा होगा और सरकार को इसके लिए 3,500 करोड़ रुपये खर्च करने पड़ेंगे.

वित्त मंत्री ने बताया कि शहरी गरीबों की सहायता के लिए केंद्र सरकार ने राज्यों को स्टेट डिजास्टर फंड का प्रयोग करने की अनुमति दी और इसके तहत 11 हजार करोड़ रुपये खर्च हुए.

Click: किसानों के लिए 25 लाख नए क्रेडिट कार्ड, ब्याज में छूट

वित्त मंत्री ने आगे बताया कि सरकार ने प्रवासी मजदूरों के लिए सस्ती रेंटल हाउजिंग स्कीम की घोषणा की है. यह प्रधानमंत्री आवास योजना का हिस्सा है. इस स्कीम मं पीपीपी मॉडल के तहत शहरों में कम किराये पर आवासीय कॉम्प्लेक्स की सुविधा दी जाएगी.

वित्त मंत्री ने कहा कि इस स्कीम के तहत विनिर्माण यूनिट, उद्योग और संस्थान अपनी निजी जमीन पर सस्ते किराए के रिहायशी कॉम्प्लेक्स विकसित करेंगे.

वित्त मंत्री ने घोषणा करते हुए कहा कि अपने घर लौट चुके मजदूरों को मनरेगा के तहत काम दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायतों में लोगों को काम दिया जा रहा है और पिछले साल के मुकाबले इस बार मई महीने में 40 से 50 प्रतिशत अधिक लोगों ने अपना नामांकन कराया है.

वित्त मंत्री ने यह भी बताया कि पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले इस बार मनरेगा के तहत औसत मजदूरी में बढ़ोतरी हुई है. यह पहले के 182 रुपये के मुकाबले अब 202 रुपये हो गई है.