साल दो साल करें कम परिश्रम, कोरोना से ठीक हुए नागरिकों को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री की सलाह

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा है कि ऐसे सभी लोग जिन्‍हें कोविड-19 संक्रमण हुआ था, उन्‍हें कठिन परिश्रम, दौड़ और कड़े वर्कआउट से बचना चाहिए।

Updated: Oct 30, 2023, 01:47 PM IST

अहमदाबाद। देशभर में पिछले एक वर्ष में हार्ट अटैक के मामलों में अप्रत्याशित वृद्धि दर्ज की गई है। स्थित यह है कि पूर्णत: स्व्स्थ नौजवान भी हार्ट अटैक की चपेट में आकर जिंदगी गंवा दे रहे हैं। गुजरात में इस साल गरबा के कार्यक्रमों में हार्ट अटैक के मामलों से चिंताजनक स्थिति उत्पन्न हो गई। इसी बीच गुजरात दौरे पर पहुंचे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि कोरोना की वजह से देश में हार्ट अटैक के मामले बढ़ रहे हैं। इसलिए कुछ साल कठिन परिश्रम से बचें। 

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कोविड पीरियड में जिन लोगों को संक्रमण हुआ था, उन्हें जरूरत से अधिक मेहनत नहीं करने की सलाह दी है। मांडविया ने भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के एक अध्ययन का हवाला देते हुआ है कि ऐसे लोगों को कम से कम दो साल साल वर्क आउट और भाग दौड़ से बचने और दूर रहने की जरूरत है।

यह भी पढ़ें: CG Elections 2023: NOTA के विकल्प पर पुनर्विचार करे EC, सीएम भूपेश बघेल ने की EVM से नोटा हटाने की मांग

गुजरात में हाल ही में दिल संबंधी समस्याओं की वजह से बहुत से लोगों की मौत हुई है, जिसमें नवरात्रि महोत्सव के दौरान ‘गरबा’ खेलते वक्त हुई घटना भी शामिल है। इसके बाद राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल ने ‘कार्डियोलॉजिस्ट’ सहित चिकित्सा विशेषज्ञों के साथ एक बैठक की। पटेल ने विशेषज्ञों से कारणों और उपचार का पता लगाने के लिए मौत के आंकड़े जुटाने को कहा है।

यूपी की राज्यपाल और गुजरात की पूर्व मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने पिछले हफ्ते अपने दौरे में कहा था कि सरकार हार्ट अटैक के मामलों का विश्लेषण करें।
दिल्ली के राजीव गांधी अस्पताल में कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट में डॉ. अजित जैन बताते हैं कि कोरोना महामारी के बाद से ही हार्ट अटैक के केस बढ़े हैं। मरीजों की जांच के दौरान यह साफ हो गया था कि कोरोना वायरस के कारण हार्ट की आर्टरीज में खून के थक्के (ब्लड क्लॉट) बन गए थे। इन क्लॉट की वजह से हार्ट को ब्लड पंप करने में परेशानी हो रही है। इस वजह से दिल का दौरा पड़ रहा है। क्लॉट बनने की एक बड़ी वजह कोरोना का साइड इफेक्ट है।